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#विचार  Nature Quotes 🙏 आत्म प्रक्षालन 🙏
है अज्ञान अवस्था मेरी, भूल सहज हो जाती है।
जाने में अनजाने में, परिणति मलिन हो जाती है।।
प्रियवर आप सुविज्ञ स्वयं हैं, अरु वात्सल्य के धारी हैं,
जिनशासन के प्रेमी हैं, और गुणग्राही अनुरागी हैं।।
हाथ जोड़कर विनय भाव से, क्षमा भावना मैं धरता।
करें क्षमा प्रदान बन्धुवर, यह विराग निज हित कहता।।

हुई ज्ञात अज्ञात हो भूल या हो अपराध।
क्षमा भाव धारण करें, भाव करे विराग॥

©Jindeshna

क्षमा

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White 🙏 आत्म प्रक्षालन 🙏 है अज्ञान अवस्था मेरी, भूल सहज हो जाती है। जाने में अनजाने में, परिणति मलिन हो जाती है।। प्रियवर आप सुविज्ञ स्वयं हैं, अरु वात्सल्य के धारी हैं, जिनशासन के प्रेमी हैं, और गुणग्राही अनुरागी हैं। हाथ जोड़कर विनय भाव से, क्षमा भावना मैं करता। करें क्षमा प्रदान बन्धुवर, यह मनोज निज हित कहता।। जिन शासन अमृत पियें, जिनवाणी का ओज। सारी भूलें क्षमा हों, भावना करे मनोज॥ ©Jindeshna

#विचार  White 🙏  आत्म प्रक्षालन 🙏
है अज्ञान अवस्था मेरी, भूल सहज हो जाती है।
जाने में अनजाने में, परिणति मलिन हो जाती है।।
प्रियवर आप सुविज्ञ स्वयं हैं, अरु वात्सल्य के धारी हैं, 
जिनशासन के प्रेमी हैं, और गुणग्राही अनुरागी हैं।
हाथ जोड़कर विनय भाव से, क्षमा भावना मैं करता।
करें क्षमा प्रदान बन्धुवर, यह मनोज निज हित कहता।।

जिन शासन अमृत पियें, जिनवाणी का ओज।
सारी भूलें क्षमा हों, भावना करे मनोज॥

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क्षमा

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#विचार #delusion  मूल शास्त्र की एक लाईन भी न पढ़कर 
घंटों प्रवचन करने वाले विद्वान 
स्वीकार्य हो सकते हैं ??
विचार करना।

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#delusion

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वीर प्रभु निर्वाण महोत्सव, घर घर जलें चिराग। ज्ञान ज्योति से हों आलोकित, उर में जगे विराग।। ©Jindeshna

#diwalifestival #समाज  वीर प्रभु निर्वाण महोत्सव, 
          घर घर जलें चिराग।
ज्ञान ज्योति से हों आलोकित, 
           उर में जगे विराग।।

©Jindeshna
#विचार #Anger  मातृत्व के गौरव को अनुभूत करने की बजाय पेट दिखाकर 
गर्भावस्था का बेहूदा प्रदर्शन करती हुईं एवं पारिवारिक मर्यादाओं की दहलीज लांघकर अपनी नृत्यकला का सार्वजनिक प्रदर्शन करती हुईं नारियाँ भारतीय संस्कृति के पतन में 
अहम भूमिका का निर्वाह कर रहीं हैं - यह अत्यन्त दुखद है।

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#Anger

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माँ जीवन की आशा है, माँ बच्चे की भाषा है। माँ स्नेह का गागर है, माँ ताकत का सागर है।। माँ करुणा का झरना है, माँ बिन जैसे मरना है। माँ बलिदानी गौरव है, माँ जीवन की सौरभ है। माँ पर क्या अर्पित कर दूँ, माँ का अंचल कैसे भर दूँ? माँ में है सारा विश्व अहो, माँ की महिमा अगम्य अहो।। माँ से यह दुनिया चर्चित है, माँ पर सब शब्द समर्पित हैं। माँ पर मैं कितने शब्द कहूँ, बस अब केवल मौन रहूँ।।              विराग - 14 मई 2023 ©Jindeshna

#विचार  माँ जीवन की आशा है, 
                 माँ बच्चे की भाषा है।
माँ स्नेह का गागर है, 
                   माँ ताकत का सागर है।।
माँ करुणा का झरना है, 
                  माँ बिन जैसे मरना है।
माँ बलिदानी गौरव है, 
                     माँ जीवन की सौरभ है।
माँ पर क्या अर्पित कर दूँ,
                      माँ का अंचल कैसे भर दूँ?
माँ में है सारा विश्व अहो, 
                           माँ की महिमा अगम्य अहो।।
माँ से यह दुनिया चर्चित है, 
                       माँ पर सब शब्द समर्पित हैं।
माँ पर मैं कितने शब्द कहूँ, 
                   बस अब केवल मौन रहूँ।।
             विराग - 14 मई 2023

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