BornFire
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#मराठीशायरी #bornfire  सारे आयुष्य माझे अत्तर लावण्यात गेले
तरी ना राखेला माझ्या 
सुगंध ना आला...

बुद्धराज शशिकला अर्जुनराव गवळी 
917229448

©Rajan Gawali

#bornfire

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যে আগুন গ্রীষ্মে উত্তাপ বাড়ায় সে শীতে উষ্ণতা দেয়। যে আগুন ঘর করে ছাই তাকেই সাক্ষী রেখে দম্পতি গাঁটছড়া বাঁধে। একই জিনিস ভিন্ন তার রূপ ভর করে চলে আমাদের ইচ্ছের কাঁধে। ©sunanda ghosh

#উদ্ধৃতি #bornfire  যে আগুন গ্রীষ্মে উত্তাপ বাড়ায়
সে শীতে উষ্ণতা দেয়।

যে আগুন ঘর করে ছাই 
তাকেই সাক্ষী রেখে দম্পতি গাঁটছড়া বাঁধে।

একই জিনিস ভিন্ন তার রূপ
ভর করে চলে আমাদের ইচ্ছের কাঁধে।

©sunanda ghosh

#bornfire

20 Love

तेरे चार दिन के प्यार से मुझे उमर भर का गम मिला , तेरे चार दिन के प्यार से मुझे उमर भर का गम मिला, मैं टुट कर बिखर गया मुझे तोङ कर तुझे क्या मिला...!!! ©Jitu Sharma Jitu Sharma

#विचार #bornfire  तेरे चार दिन के प्यार से मुझे
उमर भर का गम मिला ,

तेरे चार दिन के प्यार से मुझे
उमर भर का गम मिला,

मैं टुट कर बिखर गया मुझे
तोङ कर तुझे क्या मिला...!!!

©Jitu Sharma Jitu Sharma

#bornfire

14 Love

Apni cheez par kisi or ka haq to kya, Mai kisiki najar tak bardast na kru.. So don't be dare ..🔪🔥🔪 ©Ankitaishika

#Quotes  Apni cheez par kisi or ka haq to kya,
 Mai kisiki najar tak bardast na kru..

So don't be dare ..🔪🔥🔪

©Ankitaishika

Hate🔥🔪🔥

10 Love

शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की चहचहाट थमी। आकाश रंग बदलता, शाम आई, मन को भाती। * संध्या का समय: आज का दिन हुआ समाप्त, तारे निकले, चाँद आया। हवा चलती, शीतल लगती, मन शांत, आनंद भरा। * शाम की यादें: बचपन की शामें याद आतीं, दोस्तों संग खेलते थे। खेतों में दौड़ते फिरते, खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍 ©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City

#KavitaNojotoHindi #कविता #nojoto😀😀 #♥️💔💔 #shaamkikavita  शाम की छोटी कविताएँ
यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं:
 * शाम का नजारा:
   धूप छिपी, छाया फैली,
   चिड़ियों की चहचहाट थमी।
   आकाश रंग बदलता,
   शाम आई, मन को भाती।
 * संध्या का समय:
   आज का दिन हुआ समाप्त,
   तारे निकले, चाँद आया।
   हवा चलती, शीतल लगती,
   मन शांत, आनंद भरा।
 * शाम की यादें:
   बचपन की शामें याद आतीं,
   दोस्तों संग खेलते थे।
   खेतों में दौड़ते फिरते,
   खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍

©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City

शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की चहचहाट थमी। आकाश रंग बदलता, शाम आई, मन को भाती। * संध्या का समय:

7 Love

वक़्त भी क्या-क्या रंग दिखलाता है! जीते जी इंसान रहने को घर, महल बनता है! फिर उस पर इतराता है, आखिर में मर कर ख़ाक हो जाता है!! ©Deepak Kumar 'Deep'

#khak  वक़्त भी क्या-क्या 
रंग  दिखलाता  है!
जीते  जी  इंसान 
रहने को घर, 
महल बनता  है!
फिर  उस  पर  इतराता  है,
आखिर में  मर कर 
ख़ाक  हो जाता है!!

©Deepak Kumar 'Deep'

#khak

11 Love

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