Suresh Kumar Chaturvedi

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#प्रेरक #galiyaan  उलझा हुआ है जीवन
मकड़ी के जाले की तरह
खुश हैं अपने हाल पर
क्यों परेशान हैं आप वेवजह

©Suresh Kumar Chaturvedi

#galiyaan

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#कविता #UskeSaath  डूबते को तिनके का सहारा बहुत है
समझदार को इशारा बहुत है
न समझ को समझना बहुत है
जो न समझे, समझाना व्यर्थ है
मूरख को समझाने का क्या अर्थ है
विन काम के, बातों का क्या तर्क है
प्रेम तो प़ेम है,प़ेम में क्या शर्त है

©Suresh Kumar Chaturvedi

#UskeSaath

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#स्पोर्ट्स #Sachin  अभी तो फिफ्टी हुई है
सेंचुरी अभी बाकी है
सचिन , सचिन है
दिल ❤️ में
अरमान अभी बाकी है

बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं 🎉🎉🙏

©Suresh Kumar Chaturvedi

#Sachin

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#कविता  महकी महकी सी फिजा
आ जाएगा मजा
दिल ये पुकारे 
आ जा साथी आ जा
आ धूम मचा जा
ले ले मज़ा ज़िंदगी का
ये प्यारी सी महक
उठ रही है कशक
अब यूं भी न वहक
आ जा आ जा आके तू महक
फिर न होगी ये महक
महकी महकी सी फिजा
आ ले ले तू मजा

©Suresh Kumar Chaturvedi

महकी महकी सी फिजा आ जाएगा मजा दिल ये पुकारे आ जा साथी आ जा आ धूम मचा जा ले ले मज़ा ज़िंदगी का ये प्यारी सी महक उठ रही है कशक अब यूं भी न वहक आ जा आ जा आके तू महक फिर न होगी ये महक महकी महकी सी फिजा आ ले ले तू मजा ©Suresh Kumar Chaturvedi

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#कविता #holihai  बिना प्रेम जीवन नहीं, रब का यही उसूल

बिना प्रेम जीवन नहीं, रब का यही उसूल 
होली खेलो प्रेम से, छोड़ो ऊल जलूल 
 द्वेष अज्ञान आवेश बस, हो गई हो जो भूल 
चुभा दिए हों हृदय में, वाणी से कोई शूल 
होली का त्यौहार है, प्रिय सब जाओ भूल 
मिटा सभी शिकवे गिले, दो प्रेम प्रीत के फूल 
बिना प्रेम जीवन नहीं, रब का यही उसूल 

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi

#holihai

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#कविता  उत्कृष्ट सृजना ईश्वर की, नारी सृष्टि में आई
कष्टों में मुस्कान विखेरी, दुनिया नई बसाई 
घर परिवार समाज बनाया,नई रोशनी लाई
त्याग तपस्या वलिदानों की, महिमा कही न जाई 
प्रेम और करुणा की मूरत, उपमा गढ़ी न जाई 
सृजन और पालन पोषण, देवों ने स्तुति गाई
मानवता की ईकाई है नारी, प्रेम की ज्योति जलाई
सर्वस्व समर्पित कर जग को, बराबरी न पाई
धन्य धन्य मां बहन बेटियां,नमन कोटि सिरनाई
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी मां बहन बेटियों को सादर नमन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi

उत्कृष्ट सृजना ईश्वर की, नारी सृष्टि में आई कष्टों में मुस्कान विखेरी, दुनिया नई बसाई घर परिवार समाज बनाया,नई रोशनी लाई त्याग तपस्या वलिदानों की, महिमा कही न जाई प्रेम और करुणा की मूरत, उपमा गढ़ी न जाई सृजन और पालन पोषण, देवों ने स्तुति गाई मानवता की ईकाई है नारी, प्रेम की ज्योति जलाई सर्वस्व समर्पित कर जग को, बराबरी न पाई धन्य धन्य मां बहन बेटियां,नमन कोटि सिरनाई अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी मां बहन बेटियों को सादर नमन सुरेश कुमार चतुर्वेदी ©Suresh Kumar Chaturvedi

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