Suresh Kumar Chaturvedi

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#प्रेरक #galiyaan  उलझा हुआ है जीवन
मकड़ी के जाले की तरह
खुश हैं अपने हाल पर
क्यों परेशान हैं आप वेवजह

©Suresh Kumar Chaturvedi

#galiyaan

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#स्पोर्ट्स #Sachin  अभी तो फिफ्टी हुई है
सेंचुरी अभी बाकी है
सचिन , सचिन है
दिल ❤️ में
अरमान अभी बाकी है

बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं 🎉🎉🙏

©Suresh Kumar Chaturvedi

#Sachin

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#कविता #holihai  बिना प्रेम जीवन नहीं, रब का यही उसूल

बिना प्रेम जीवन नहीं, रब का यही उसूल 
होली खेलो प्रेम से, छोड़ो ऊल जलूल 
 द्वेष अज्ञान आवेश बस, हो गई हो जो भूल 
चुभा दिए हों हृदय में, वाणी से कोई शूल 
होली का त्यौहार है, प्रिय सब जाओ भूल 
मिटा सभी शिकवे गिले, दो प्रेम प्रीत के फूल 
बिना प्रेम जीवन नहीं, रब का यही उसूल 

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi

#holihai

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#कविता  उत्कृष्ट सृजना ईश्वर की, नारी सृष्टि में आई
कष्टों में मुस्कान विखेरी, दुनिया नई बसाई 
घर परिवार समाज बनाया,नई रोशनी लाई
त्याग तपस्या वलिदानों की, महिमा कही न जाई 
प्रेम और करुणा की मूरत, उपमा गढ़ी न जाई 
सृजन और पालन पोषण, देवों ने स्तुति गाई
मानवता की ईकाई है नारी, प्रेम की ज्योति जलाई
सर्वस्व समर्पित कर जग को, बराबरी न पाई
धन्य धन्य मां बहन बेटियां,नमन कोटि सिरनाई
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी मां बहन बेटियों को सादर नमन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi

उत्कृष्ट सृजना ईश्वर की, नारी सृष्टि में आई कष्टों में मुस्कान विखेरी, दुनिया नई बसाई घर परिवार समाज बनाया,नई रोशनी लाई त्याग तपस्या वलिदानों की, महिमा कही न जाई प्रेम और करुणा की मूरत, उपमा गढ़ी न जाई सृजन और पालन पोषण, देवों ने स्तुति गाई मानवता की ईकाई है नारी, प्रेम की ज्योति जलाई सर्वस्व समर्पित कर जग को, बराबरी न पाई धन्य धन्य मां बहन बेटियां,नमन कोटि सिरनाई अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी मां बहन बेटियों को सादर नमन सुरेश कुमार चतुर्वेदी ©Suresh Kumar Chaturvedi

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#आजादी_का_अमृत_महोत्सव #समाज  कैद हुई गुनगुनी धूप,कैद  सुगंधित मस्त हवाएं
कैद बसंत सुरम्य वादियां, आसमान सुरमई सदाएं
कैद हो गए झुंड चिड़ियों के, और सांस्कृतिक संरचनाएं
फूल चांद तारों का खिलना, नैतिक मूल्य और मान्यताएं
धर्म और मजहब की आड़ में, खींची नफ़रत की सीमाएं 
बंट गया देश आपस की फूट में,कैद हुईं सब परमपराएं
आओ मिलकर भूल सुधारें,आओ देश अखंड बनाएं
आजादी का अमृत पान करें, फिर से भारत बर्ष बनाएं
प्रेम प्रीत मैत्री पर चलकर, तोड़ें नफ़रत की सीमाएं
आजादी के अमृत बर्ष में, अंतर्मन कर रहा दुआएं

©Suresh Kumar Chaturvedi
#समाज  एक पैगाम मित्रों के नाम

एक पैगाम मित्रों के नाम 
खुश रहो दोस्तों तुम्हें सलाम 
आज का दिन है तुम्हारे नाम 
तुमको प्यार भरा पैगाम 
निश्चल निर्मल मित्र का रिश्ता 
मित्र नहीं सीमाएं रखता 
दिली मोहब्बत प्रेम का रिश्ता 
पावन और पवित्र है रिश्ता
न ऊंच नीच का भेद भाव
न धर्म जाति का आता भाव
नहीं नस्ल सीमा का बंधन
दिल से दिल का है ये बंधन
सभी दोस्तों का अभिवादन
खुशियों से महके घर आंगन
मित्र दिवस की तुम्हें बधाई 
फूले फले सदा फुलवाई 
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi

एक पैगाम मित्रों के नाम एक पैगाम मित्रों के नाम खुश रहो दोस्तों तुम्हें सलाम आज का दिन है तुम्हारे नाम तुमको प्यार भरा पैगाम निश्चल निर्मल मित्र का रिश्ता मित्र नहीं सीमाएं रखता दिली मोहब्बत प्रेम का रिश्ता पावन और पवित्र है रिश्ता न ऊंच नीच का भेद भाव न धर्म जाति का आता भाव नहीं नस्ल सीमा का बंधन दिल से दिल का है ये बंधन सभी दोस्तों का अभिवादन खुशियों से महके घर आंगन मित्र दिवस की तुम्हें बधाई फूले फले सदा फुलवाई सुरेश कुमार चतुर्वेदी ©Suresh Kumar Chaturvedi

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