पहली मुलाकात 😌
मुज्तरिब - सी हो गई रूह मेरी ,
तेरी पहली दीदार से ।
निःशब्द लब्ज़ से ,
आंखों से ही बात हुई ।
तेरा यूं जुल्फें पर हाथ फेरना,
हाथ चूमना - हाथ मिलाना ।
कमबख़्त
वो पल ही गुजर गई ।
कुछ हसरतें थी मेरी भी -
आंखों में आंखें डालकर कुछ कहना।
पर , तेरी नशीली आंखों से -
पलकें ही झपक गई ।
काश ! वह वक्त ठहर जाता ,
कुछ सुनती , कुछ सुनाती।
एकाएक सुनाई दी हांर्न की आवाज, और चल पड़े दोनों ,
कुछ इस तरह पहली मुलाकात हुई ।
©Annu Sinha
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