rainy_season
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White एक कविता अपूर्णच राहिली....! पौर्णिमेच्या चंद्रात अमावसेच्या अंधारात आज स्वतःच स्वतःला शोधतोय, मनातील विचारांची काटेरी तलवार घेऊन मनातलं महायुद्ध  मनाशीच लढतोय..! आत्ता हाती एक कागद एक लेखणी मनी विचारांची ओळ सजवली, लिहायची म्हणता लिहू म्हणणारी एक कविता मात्र अपूर्ण राहिली.... आज लेखणी सोबत मनातील विचारांचे बोचरे काटे घेऊन लिहायचा बसलो, कोरा कागद फक्त रचनेने भरलेला मनातले घाव फक्त मोजत बसलो.. खोलवरचे घाव भरता भरता मनाची उडालेली तारांबळ पहिली, कोरा कागद कोराच राहिला एक कविता मात्र अपूर्ण राहिली....! डोळ्यातून वाहणारी चंद्रभागा कोऱ्या कागदाला फक्त भिजवत होती, धो धो कोळसाळणाऱ्या पावसात देखील चिंब भिजलेल्या घामाची ती एक सर होती... प्रेम, मैत्री, कुटुंब की करिअर मनी मात्र विषयांची गर्दी पाहिली.. लेखणी कधीचं रुसून झोपलेली तिच्या इच्छेची कविता मात्र अपूर्ण राहिली....! आत्ता मनाच्या कोपऱ्यात कविता नव्हती होते ते फक्त एकांतातले एकटेपण, कितीतरी विषयांच्या विचारांच्या जाळ्यात अडकलेले ते एक भोळ अबोल मन... अक्षरे शब्दात आणी शब्द ओळ विसरले लेखणी आणी कागदाची सांगड घालायची राहिली, पाहिलेली स्वप्ने अजून स्वप्नात ठेवता आयुष्याची कविता मात्र अपूर्ण राहिली... एक कविता अपूर्णच राहिली....! ❤️          Pandhari Varpe           8698361992 ©Varpe Pandhari

#मराठीविचार #rainy_season  White एक कविता अपूर्णच राहिली....!

पौर्णिमेच्या चंद्रात अमावसेच्या अंधारात 
आज स्वतःच स्वतःला शोधतोय,
मनातील विचारांची काटेरी तलवार घेऊन 
मनातलं महायुद्ध  मनाशीच लढतोय..!
आत्ता हाती एक कागद एक लेखणी 
मनी विचारांची ओळ सजवली,
लिहायची म्हणता लिहू म्हणणारी 
एक कविता मात्र अपूर्ण राहिली....

आज लेखणी सोबत मनातील विचारांचे 
बोचरे काटे घेऊन लिहायचा बसलो,
कोरा कागद फक्त रचनेने भरलेला 
मनातले घाव फक्त मोजत बसलो..
खोलवरचे घाव भरता भरता 
मनाची उडालेली तारांबळ पहिली,
कोरा कागद कोराच राहिला 
एक कविता मात्र अपूर्ण राहिली....!

डोळ्यातून वाहणारी चंद्रभागा 
कोऱ्या कागदाला फक्त भिजवत होती,
धो धो कोळसाळणाऱ्या पावसात देखील 
चिंब भिजलेल्या घामाची ती एक सर होती...
प्रेम, मैत्री, कुटुंब की करिअर 
मनी मात्र विषयांची गर्दी पाहिली..
लेखणी कधीचं रुसून झोपलेली 
तिच्या इच्छेची कविता मात्र अपूर्ण राहिली....!

आत्ता मनाच्या कोपऱ्यात कविता नव्हती 
होते ते फक्त एकांतातले एकटेपण,
कितीतरी विषयांच्या विचारांच्या जाळ्यात 
अडकलेले ते एक भोळ अबोल मन...
अक्षरे शब्दात आणी शब्द ओळ विसरले 
लेखणी आणी कागदाची सांगड घालायची राहिली,
पाहिलेली स्वप्ने अजून स्वप्नात ठेवता 
आयुष्याची कविता मात्र अपूर्ण राहिली...
एक कविता अपूर्णच राहिली....! ❤️

         Pandhari Varpe 
          8698361992

©Varpe Pandhari

White अगर मिले ख़ुदा तो उससे इतना सवाल करूं, क्यों दिए जज़्बात, जब उन्हें बेअसर करना था? दिल को क्यों बनाया शीशे जैसा नाज़ुक, जब इस दुनिया में उसे पत्थर बनना था? क्यों दी मोहब्बत, जब उसमें बेवफ़ाई ही लिखी थी, क्यों दी तड़प, जब चैन की दुआ भी ना क़ुबूल थी? रास्ते में कांटे बिछाए, फिर क्यूं दिखाए फूल, क्या ये खेल है या तक़दीर का कोई भूल? मगर जवाब शायद ख़ामोशियों में छिपा है, हर आंसू के पीछे कोई वजह तो छुपा है। शायद ये सफ़र है समझने का, खुद को पाने का, या फिर कहीं खोने का.. ©UNCLE彡RAVAN

#rainy_season  White अगर मिले ख़ुदा तो उससे इतना सवाल करूं,
क्यों दिए जज़्बात, जब उन्हें बेअसर करना था?
दिल को क्यों बनाया शीशे जैसा नाज़ुक,
जब इस दुनिया में उसे पत्थर बनना था?

क्यों दी मोहब्बत, जब उसमें बेवफ़ाई ही लिखी थी,
क्यों दी तड़प, जब चैन की दुआ भी ना क़ुबूल थी?
रास्ते में कांटे बिछाए, फिर क्यूं दिखाए फूल,
क्या ये खेल है या तक़दीर का कोई भूल?

मगर जवाब शायद ख़ामोशियों में छिपा है,
हर आंसू के पीछे कोई वजह तो छुपा है।
शायद ये सफ़र है समझने का,
खुद को पाने का, या फिर कहीं खोने का..

©UNCLE彡RAVAN

#rainy_season

11 Love

White वक्त ऐसे न दीजिए की भीख लगे , बाकी आपको जो ठीक लगे । ©Suraj S Shah

#rainy_season #SAD  White वक्त ऐसे न दीजिए की भीख लगे ,

बाकी आपको जो ठीक लगे ।

©Suraj S Shah

#rainy_season

12 Love

White रात बुझते हुए शोलों से...शरारा कह कर जुगनुओं से पूछा मैंने रस्ता.. सितारा कह कर दीद ने तेरी बख्शें ...ज़ख्म बहुत आँखों को फिर भी हर रोज़ तुझे देखा...नज़ारा कह कर खेल नाज़ुक है बड़ा इश्क़ का..समझा ये फिर बाजी जब छोड़ गया जीती..वो हारा कह कर जो गिरा नज़रों से इक बार..गुहर हो चाहे फिर रखा उसको न हमनें भी..दुबारा कह कर उस बुलंदी पे था..पहुंची न सदा भी उस तक यूँ तो उसको ख़ुदा भी हमनें.. पुकारा कह कर रात पहलू में मिरे... देर तलक वो महका ज़ख्म जो आख़िरी रखा था... शुमारा कह कर ©Kumar Dinesh

#शायरी #rainy_season  White रात बुझते हुए शोलों से...शरारा कह कर
जुगनुओं से पूछा मैंने रस्ता.. सितारा कह कर

दीद ने तेरी बख्शें ...ज़ख्म बहुत आँखों को
फिर भी हर रोज़ तुझे देखा...नज़ारा कह कर

खेल नाज़ुक है बड़ा इश्क़ का..समझा ये फिर
बाजी जब छोड़ गया जीती..वो हारा कह कर

जो गिरा नज़रों से इक बार..गुहर हो चाहे
फिर रखा उसको न हमनें भी..दुबारा कह कर

उस बुलंदी पे था..पहुंची न सदा भी उस तक
यूँ तो उसको ख़ुदा भी हमनें.. पुकारा कह कर

रात पहलू में मिरे... देर तलक वो महका
ज़ख्म जो आख़िरी रखा था... शुमारा कह कर

©Kumar Dinesh

#rainy_season

11 Love

White ढलती रात का मुसाफिर हूं, अकेला सफ़र करता हूं, यादों की चादर ओढ़कर, तन्हाईयों से बातें करता हूं। सितारों की चांदनी से कुछ उम्मीदें उधार लेता हूं, आसमान से मोहब्बत का हर पैग़ाम चुनता हूं। राहत की तलाश में हूं, मगर रस्ते सब वीरान हैं, ख्वाबों की दुनिया है, मगर आँखें बहुत हैरान हैं। चाँद भी अब मुझसे रुखसत की इजाज़त मांगता है, इस सफ़र की मंज़िल में सिर्फ़ खामोशी का सामान है। ढलती रात का ये सफ़र अभी जारी है, सवेरा कब होगा, ये सवाल बाकी है। शायद कहीं किसी मोड़ पर कोई रोशनी मिले, या फिर कोई अपना, जो इस तन्हा सफ़र में साथ चले... ©UNCLE彡RAVAN

#rainy_season #Quotes  White ढलती रात का मुसाफिर हूं, अकेला सफ़र करता हूं,
यादों की चादर ओढ़कर, तन्हाईयों से बातें करता हूं।
सितारों की चांदनी से कुछ उम्मीदें उधार लेता हूं,
आसमान से मोहब्बत का हर पैग़ाम चुनता हूं।

राहत की तलाश में हूं, मगर रस्ते सब वीरान हैं,
ख्वाबों की दुनिया है, मगर आँखें बहुत हैरान हैं।
चाँद भी अब मुझसे रुखसत की इजाज़त मांगता है,
इस सफ़र की मंज़िल में सिर्फ़ खामोशी का सामान है।

ढलती रात का ये सफ़र अभी जारी है,
सवेरा कब होगा, ये सवाल बाकी है।
शायद कहीं किसी मोड़ पर कोई रोशनी मिले,
या फिर कोई अपना, जो इस तन्हा सफ़र में साथ चले...

©UNCLE彡RAVAN

#rainy_season

14 Love

White kuch lamhe baaton ke yuh guzre jaise ek zor ki baarish baras k tham jati hai ©poetistic girl

#rainy_season #Quotes  White kuch lamhe baaton ke yuh guzre 
jaise ek zor ki baarish baras k tham jati hai

©poetistic girl

#rainy_season love quotes in hindi

14 Love

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