White तेरी यादों में घुल चुका हूँ मैं,
जैसे पानी में एक दवा हूँ मैं।
कोई समझा सके तो समझाए,
किस मुसाफ़िर का रहनुमा हूँ मैं।
तेरी गलियों से लौट आया हूँ,
अब न आवारा, न बेवफ़ा हूँ मैं ।
तेरी बातों का अब असर क्या हो,
अपने लफ़्ज़ों से ही लड़ा हूँ मैं।
ख़्वाब सब देख कर मिटा डाले,
आज सच में जिया हूँ मैं।
तेरी नज़रों का मोल क्या रखना,
अब ख़ुदा से भी कट चुका हूँ मैं।
हर शख़्स के लिए नया चेहरा,
अब तो आईना बन गया हूँ मैं।
अब कोई इल्म क्या देगा मुझको,
हर किताब जला चुका हूँ मैं।
©sapna
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