पल्लव की डायरी
उबाल चाय का तूफानी है
सियासी ताकत बनाने के लिये
छिलके प्याज के उतारे जा रहे है
वकील सीए के बाद
जज आईने में उतारे जा रहे है
सत्ता से जो ऊपर थे
उनके पर कतरे जा रहे है
एक स्वमेव शासक बनने के लिये
लोकतंत्र को हराये जा रहे है
कारनामे खुद के, कब्र खोद रहे जनमत की
बारूद की ढेर पर ,भारत को सुलगा रहे है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#teatime बारूद की ढेर पर,भारत को सुलगा रहे है
खूबसूरत 🩷🩷🙏🙏