White विवाह से उत्पन्न प्रेम,
केवल साथ रहने के कारण
पैदा हुआ मोह होता है।
हम कहते हैं, विवाह करो, प्रेम नहीं ....
और फिर कहते हैं,
विवाह से प्रेम पैदा होना चाहिए।
फिर जो प्रेम पैदा होता है,
वह पैदा किया हुआ प्रेम होता है,
कोशिश से लाया गया होता है.....
वह प्रेम वास्तविक नहीं होता है
वह प्रेम स्वभाविक नहीं होता है
वह प्रेम प्राणों से सहज नहीं उठता,
ना ही फैलता है.....!
©Jain Saroj