सत्य की खोज में मन भटक कर थक गया था जब सारे स् | हिंदी Poetry

"सत्य की खोज में मन भटक कर थक गया था जब सारे स्वप्न , सारे सत्य उसकी कल्पना सब झूठ निकले अंत में दौलत नहीं इक राम ही बस सत्य निकले ©SHIVAM TOMAR "सागर""

 सत्य की खोज  में मन भटक कर थक 
गया था  जब 
सारे स्वप्न , सारे  सत्य उसकी कल्पना सब 
झूठ निकले 

अंत में दौलत नहीं  इक राम ही बस सत्य निकले

©SHIVAM TOMAR "सागर"

सत्य की खोज में मन भटक कर थक गया था जब सारे स्वप्न , सारे सत्य उसकी कल्पना सब झूठ निकले अंत में दौलत नहीं इक राम ही बस सत्य निकले ©SHIVAM TOMAR "सागर"

#ramsita @Ashutosh Mishra Dhyaan mira @pramodini Mohapatra @Sethi Ji @–Varsha Shukla

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