मै तेरे सदमे से बाहर निकल भी सकता हूँ ग़मे हया | हिंदी Shayari Video

"मै तेरे सदमे से बाहर निकल भी सकता हूँ ग़मे हयात का मौसम बदल भी सकता हूँ तु मझको मोम समझकर के इंतेहान न ले तपिश बडी तो मेरी जाँ पिघल भी सकता हूँ ©Shah Aftab "

मै तेरे सदमे से बाहर निकल भी सकता हूँ ग़मे हयात का मौसम बदल भी सकता हूँ तु मझको मोम समझकर के इंतेहान न ले तपिश बडी तो मेरी जाँ पिघल भी सकता हूँ ©Shah Aftab

बदल भी सकता हू
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#nojato
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#Poet Ehsaas"(ˈvamˌpī(ə)r)"Radio @Jiyalal Meena ( Official ) @Ombhakat Mohan( kalam mewad ki) @Annu GUPTA luv hurts @Mohan raj

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