सोचा था कि लफ्जो से क्या कहे हम उन्हे , हमारी खामो | हिंदी शायरी

"सोचा था कि लफ्जो से क्या कहे हम उन्हे , हमारी खामोशी को वो खुद ही पढ़ लेंगे , मगर मैं ,ये ना जाने क्यूं भूल गया की कान हम दोनो के पास है ।। ©#Rahul"

 सोचा था कि लफ्जो से क्या कहे हम उन्हे ,
हमारी खामोशी को वो खुद ही पढ़ लेंगे ,
मगर मैं ,ये ना जाने क्यूं भूल गया की कान हम दोनो के पास है ।।

©#Rahul

सोचा था कि लफ्जो से क्या कहे हम उन्हे , हमारी खामोशी को वो खुद ही पढ़ लेंगे , मगर मैं ,ये ना जाने क्यूं भूल गया की कान हम दोनो के पास है ।। ©#Rahul

#ख़ामोशी #लफ्ज़

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