Mam apko dhanyawad 🙏🙏🙏
Dhanyawad isliy ki apne hum sbi k liye itni mahnat ki....
Ap ek ache writer ho 👍 👍 👍..
I.like your thoughts..
.
Superb lines 👌👌👌👌👌...
G....Bilkul Sahi Kaha Apne
Hum Khud Hi Jimmedaar H Prakriti Ko Nasht Kr Khud Ko Barbaad Karne Waale....Bahut Khoob Likha H Apne "Keher" Naam Ki Poetry Ko
👌 👌 👌 👌 👌 👌 👌 👌 👌 👌
बिल्कुल सही बात इंसान नहीं प्रकृति के साथ खिलवाड़ की है आप प्रकृति की बारी है प्रकृति अपने को रिसेट कर लोगी और कर रही है हम इस धरती पर आए हैं धरती के संसाधनों का उपयोग करने हम यहां के मालिक नहीं है लेकिन इंसान ने यही गलती कर दी वह अपने आप को मालिक समझ बैठा और प्रकृति का उसने दबाकर शोषण किया अब जो गलती करी है उसकी सजा तो भुगतनी पड़ेगी
बेहतरीन अल्फाज़ उम्दा अभिव्यक्ति
यह कहर प्रकृति का इंसान तेरे कर्मों का फल है 👌 🌹 😍 😍 😍 यथार्थ सत्य लिखा है आपने बहन 👌
जिस पेड़ पर बैठो उस पेड़ को नहीं काटते इंसान इस तर्क को नहीं समझते 👌 😍 बेहतरीन तार्किक अभिव्यक्ति 👌 😍
बहुत सुन्दर पंक्तियां दीदी लाजवाब हृदय विदारक रचना शब्द नहीं है दीदी 👏 🌹 🌹
👍 👍 👌 🌹 🌹