जीवनं कश्चित् नाटकम् तस्मिन् लगु नटकोऽहम् । वायुना नीता वाणीव सञ्चराम्येतस्मिन् मीरे ॥ ******************* लाख दावे कर रहें हो तुम उसे भुला देने के पर तेरी आँखों में उसके लिए लगाव दिख रहा है. सच जानती है दुनिया फिर भी छुपा रहे हो , जाने किसका ये तुम पर दबाव दिख रहा है तुम कहते हो की खुश हो बगैर उसके जिंदगी में फिर ये चेहरे पर तुम्हारे कैसा तनाव दिख रहा है😁😁🌹 *********************************************
198 View
216 View
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here