कही हम जब उम्मीद लगा कर बैठते है तो उस उम्मीद के सहारे ही
बहुत कुछ सोचने लगते हैं ख्वाब बुनने लगते हैं
इन ख्वाबो के सहारे ही हम ऐसा महसूस करने लगते हैं
कि ये हमारे साथ सही मे हो रहा है
लेकिन जब कोई इन ख्वाबो को दिखाकर अचानक
से चला जाता है तो सही मे बहुत दर्द होता है
और दर्द उस इन्सान को ज्यादा होता है जिसने दुसरा विकल्प ना रखा हो
उसके पास इन ख्वाबो को तोडकर जाने वाले के अलावा
और कोई नहीं था उसके विश्वास पर ही
वो ख्वाबो के मायाजाल में फसा था
©Arvind rajput 000
#Baagh त