✍️आज की डायरी✍️ 🙏गुरु पूर्णिमा..🙏 | हिंदी कविता

"✍️आज की डायरी✍️ 🙏गुरु पूर्णिमा..🙏 बुरे बच्चों को भी अच्छा इंसान बना जाते हैं । अपने ज्ञान से अच्छा संस्कार सिखा जाते हैं ।। जब कभी मंज़िल -ए -सफ़र में भटके हैं हम । उंगली पकड़कर ये ही सही राह दिखा जाते हैं ।। लड़खड़ाते हैं जब कभी असफलतओं से हम । खुद के अनुभव से हमें सम्हलना बता जाते हैं ।। जिनका जीवन बीतता है बच्चों को संवारने में । वही गुरु हैं जो ईश्वर से ऊंचा स्थान पा जाते हैं ।। 🙏गुरु पूर्णिमा की ढेरों शुभकामनाएं..अपने गुरु का आशीर्वाद सबको हमेशा मिलता रहे 🙏 ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र"

 ✍️आज की डायरी✍️

               🙏गुरु पूर्णिमा..🙏

बुरे बच्चों को भी अच्छा इंसान बना जाते हैं । 
अपने ज्ञान से अच्छा संस्कार सिखा जाते हैं ।। 

जब कभी मंज़िल -ए -सफ़र में भटके हैं हम । 
उंगली पकड़कर ये ही सही राह दिखा जाते हैं ।।

लड़खड़ाते हैं जब कभी असफलतओं से हम  । 
खुद के अनुभव से हमें सम्हलना बता जाते हैं ।।

जिनका जीवन बीतता है बच्चों को संवारने में । 
वही गुरु हैं जो ईश्वर से ऊंचा स्थान पा जाते हैं ।।

   🙏गुरु पूर्णिमा की ढेरों शुभकामनाएं..अपने गुरु का आशीर्वाद सबको हमेशा मिलता रहे 🙏

        ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी✍️ 🙏गुरु पूर्णिमा..🙏 बुरे बच्चों को भी अच्छा इंसान बना जाते हैं । अपने ज्ञान से अच्छा संस्कार सिखा जाते हैं ।। जब कभी मंज़िल -ए -सफ़र में भटके हैं हम । उंगली पकड़कर ये ही सही राह दिखा जाते हैं ।। लड़खड़ाते हैं जब कभी असफलतओं से हम । खुद के अनुभव से हमें सम्हलना बता जाते हैं ।। जिनका जीवन बीतता है बच्चों को संवारने में । वही गुरु हैं जो ईश्वर से ऊंचा स्थान पा जाते हैं ।। 🙏गुरु पूर्णिमा की ढेरों शुभकामनाएं..अपने गुरु का आशीर्वाद सबको हमेशा मिलता रहे 🙏 ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र

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