हो हकीकत, ख्वाब या ख्याल हो तुम । कहूं गर शोख लहजे में तो बबाल हो तुम । कलम ने खूब कोशिश की नही सुलझी पहेली ए , वजह शायद यही कि अनकहा सवाल हो तुम । पोशीदा राज के फन में मेरे हुजूर हो माहिर , चलाते तीर चिलमन से भई कमाल हो तुम ।। 👏 👏 👏 👏 बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
क्या बात है कमाल लिखा आपने 🙏🙏👏👏👏👏 हमको भी सिखा दीजिए न ऐसे लिखना 🙏🙏🤩🤩💐💐🤗🤗