्भावचित्र ्रचना दिनांक 19 मार्च 2025
वार बुधवार
समय सुबह छह बजे,
् निज विचार ्
् शीर्षक ्
््किसे कहते हैं सच में
ईश्वर सत्य में बसता है
या रब सजदे में नेमत में
मैं बसता है्् ्
मुझे नाम नहीं शौहरत नहीं,
मैं तो पत्थर तोड़ता हूं।
मैं जिंदगी पढ़ता हूं,
और उसमें डुबे अंखियन से,
क्या क्या सपने बुनते, हुए,
जीवन लिखता हूं।
मगर अतुलनीय तुलना से,
,महज़ प्रेम रस दर्शन से डरता हूं।
कला का पुजारी हूं,
मैं पूतला घडता नहीं हूं।
मैं धरती पूत्र हूं ,
जो कर्मलेख लिखते समय,
भाग्य विधाता से लडता हूं।
क्योंकि धड़कनों से,
क्या क्या सपने बुनते,,
ईश्वर सत्य कहता हूं।
मलाल नहीं है तुझसे मुझे, जो कहते हैं सच में ही,,
एक ईश्वर सत्य है।
अरै नादान बन समझ नहीं रहा है,,
वो ख्यालाती तासूख नज़र से,
इल्म ताकत हर युग में चला है,।,
क्या सतयुग और क्या कलयुग में,,
नाम तेरा आधार पर जिंदगी है। रौशन,मलंग,आनंद, तलबगार है,, हजरात ््हजरत मैं ईश्वर सत्य और ईमान है ,
जो दुनिया में सब कुछ एक है।।
्कवि शैलेंद्र आनंद ्
©Shailendra Anand
Please sir ap mera saport jarur kre please apka ek subscribe mere liye bahut kimti he Please subscribe jarur kre may youtub chenal nem Divyanshichouhan25