प्यार की इक छोटी सी कहानी
इक था गुड़्डा और इक उसकी दीवानी
चाहत थी गुड्डे की गुड़िया को अपना बनाने की
मगर इंतजार की घड़ियाँ लम्बी थी बिताने की
दिन बीतें और बीत गये साल यूँ ही
न मिला साथ तो बढ़ गये अकेले ही
वक़्त ने भी जाने क्या थी ठानी
इम्तिहान कि कठिन घड़ियाँ बना दी
जोड़ दिया नाम गुड़िया का किसी के साथ
तब गुड्डे ने जुदा रहने की तकल्लुफ उठा ली
मंजूर किस्मत को कुछ और ही था
जो ना सोचा कभी वो होना ही था
रात वो 12 दिसम्बर की थी जब
गुड्डे की ज़िन्दगी मे गुड़िया ने दस्तक दी
और आँखों मे आँसू लिए गुड्डे ने
गुड़िया सँग नए जीवन की शुरुआत की
प्यार जब यूँ पुरा हुआ दोनो का
गले लग कर दोनो ने आंसुओं की बरसात की
दो दीवानों ने पूरी ज़िन्दगी साथ बिताने की ठान ली
©Priya Singh
#lovelife