सफ़र साथ मिलता नहीं यहां किसी का
सफ़र यूं ही तनहां करना पड़ता है
जिन हाथों को पकड़ कर
चलता सीखा था
एक समय पे वो हाथ भी छूट जाते हैं
वो मां बाप का दामन
बस बचपन की यादों में रह जाता है
और मिल भी गई अगर ये दुनियां तो
मेरी किस काम की
हर शख्स तो यहां खंजर लिए बैठा है
साथ मिलता नहीं बिना मतलब के यहां
सफ़र यूं ही तन्हां करना पड़ता है। pahadi shayar🖋️
©Kandari.Ak
#सफ़र