Unsplash हाँ, मोहब्बत करती थी मैं तुझसे,
पर अब बची है सिर्फ शिकायत।
हाँ, अपना मानती थी तुझे,
पर अब रह गई है सिर्फ नफ़रत।
तेरी रूह, तेरी परछाई, तेरा जिस्म, तेरी रुसवाई,
सबने दिखाया है अपना-अपना वाहवाही,
अब टूट चुकी हूँ तेरी वफ़ा के हर धोखे से,
अब बस सुकून चाहिए तेरे साये के फ़ासले से।
©psshhh...it's me
#Pyar-e-badnam