"ਇਕ ਹੰਜੂ ਡਿਗਿਆ ਤੇ ਸਬ ਕੁਝ ਬੇਹ ਗਿਆ याद में उसकी दिन रात आँशु बहाता हूँ,
एक झलक भी उसकी पाने को तरस जाता हूँ,
अकेला इस कदर हो गया हूँ जाने के बाद उसके,
खुद ही रूठता हूँ खुद ही मान जाता हूँ,
और उनसे बातों का सिलसिला यूं चलता है रात दिन,
तस्वीर को उसकी सारा दिल का हाल सुनाता हूँ,
उसकी खुशी के खातिर दे दी उसको इजाजत जाने की,
मगर दिल ही दिल उसे अपने पास बुलाता हूँ |
©Suresh Gulia
"