पल्लव की डायरी
खून में सने हाथ
,कत्ल सरेआम हो रहे है
भड़कते दंगे बलबे
चुनौती सबको दे रहे है
पीड़ित है उनसे जन जन
जहर समाज को दे रहे है
मगर एक बूंद मच्छर किया पीले
उससे रोकथाम के लिये
विज्ञापनों में चर्चे हो रहे है
कटघरे में मुझे खड़ा कर
मिटाने के लिये कई प्रबन्ध हो रहे है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#chill मिटाने के लिये कई प्रबन्ध हो रहे है