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(मनुज कवि बन जाता है) जब अम्बर पिघल धरा पर आ न सके अधरों पे मुसकान रूक जाये आँखों से अश्क बन बह जाये और जब कलपित उर रो जाये तो समझो मनुज कवि बन जाता है व्यथा जब अपना न किसी से कह सके लज्जा से मन भर जाये काली रातों की अंधियारी में जब सारा भुवन सो जाये तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब मन भयभीत हो कुछ कहन सके पीड़ित हो अपनो से जब हाथों में कलम उठा लेते हैं शब्दों के सरिता में रम जाते हैं तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब सामने अंधेरा छा जाये अकेला बेसहारा मन होने लगे तब नैनो के नीर स्याही से निज व्यथा को लिख डाले तो समझो मनुज कवि बन जाता है संघर्ष भरा जब जीवन हो लोगों के बीच समर्पण हो तब साहित्य में खो जाता है अपनी भावना उकेर डालता है तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब भुलेबिसरे याद आये उर में दर्द की कसक उठे वेदना से मन काँप जाये तब हाथो में कलम उठाता है तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब अपने प्रिय से न मिल सके यादों की व्यथा में खो जाये साहित्य की सरिता में बह जाये एक लेखनी लिख डाले तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब जीवन मे मनचाहा सफलता मिल न सके मन गगन की उड़ान तो भरता है अक्षर शब्द मिल कविताओ में परिणित हो जाता है मन की भावना खूबसूरती से निखारता है तो समझो मनुज कवि बन जाता है ©संगीत कुमार

#कविता #pen  (मनुज कवि बन जाता है) 
जब अम्बर पिघल धरा पर आ न सके
अधरों पे मुसकान रूक जाये 
आँखों से अश्क बन बह जाये
और जब कलपित उर रो जाये
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

व्यथा जब अपना न किसी से कह सके
लज्जा से मन भर जाये 
काली रातों की अंधियारी में 
जब सारा भुवन सो जाये
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब मन भयभीत हो कुछ कहन सके
पीड़ित हो अपनो से जब
हाथों में कलम उठा लेते हैं 
शब्दों के सरिता में रम जाते हैं 
तो समझो मनुज कवि बन जाता है

जब सामने अंधेरा छा जाये
अकेला बेसहारा मन होने लगे
तब नैनो के नीर स्याही से 
निज व्यथा को लिख डाले
तो समझो मनुज कवि बन जाता है

संघर्ष भरा जब जीवन हो
लोगों के बीच समर्पण हो
तब साहित्य में खो जाता है
अपनी भावना उकेर डालता है
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब भुलेबिसरे याद आये
उर में दर्द की कसक उठे
वेदना से मन काँप जाये
तब हाथो में कलम उठाता है
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब अपने प्रिय से न मिल सके 
यादों की व्यथा में खो जाये
साहित्य की सरिता में बह जाये
एक लेखनी लिख डाले
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब जीवन मे मनचाहा सफलता मिल न सके
मन गगन की उड़ान तो भरता है
अक्षर शब्द मिल कविताओ में परिणित हो जाता है 
मन की भावना खूबसूरती से निखारता है
		तो समझो मनुज कवि बन जाता है

©संगीत कुमार

#pen

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#pleaselikefollowcommentshare #ਸ਼ਾਇਰੀ #punjabi_shayri #pen    ਗ਼ਜ਼ਲ

ਤਿੱਖੀ ਜਿਉਂ ਤਲਵਾਰ ਕਲਮ।
ਕਰਦੀ ਡੂੰਘਾ ਵਾਰ ਕਲਮ।

ਸੱਚੇ ਸੁੱਚੇ ਲੇਖਕ ਦੀ,
ਕਰਦੀ ਨਈਂ ਵਿਉਪਾਰ ਕਲਮ।

ਉਹ ਵੀ ਸਾਡੀ ਆਪਣੀ ਏ,
ਸਰਹੱਦ ਤੋਂ ਜੋ ਪਾਰ ਕਲਮ।

ਗੱਲ ਜ਼ੁਬਾਂ ਦੀ ਦੱਬੀ ਵੀ,
ਝੱਟ ਕਰਦੀ ਇਜ਼ਹਾਰ ਕਲਮ।

ਆਈ 'ਤੇ ਜੇ ਆ ਜਾਵੇ ,
ਪਲਟ ਦਵੇ ਸਰਕਾਰ ਕਲਮ।

ਦੂਰ ਵਸੇਂਦੇ ਸੱਜਣ ਤੱਕ ,
ਭੇਜੇ ਰੱਜਵਾਂ ਪਿਆਰ ਕਲਮ।

ਗੀਤ ਗ਼ਜ਼ਲ ਤੇ ਕਵਿਤਾ ਦਾ,
ਸਿਰਜੇ ਨਿੱਤ ਸੰਸਾਰ ਕਲਮ।

ਹਰ ਭਾਸਾ ਵਿਚ ਸਾਹਿਤ ਦਾ,
ਮੁੱਢ ਤੋਂ ਹੈ ਆਧਾਰ ਕਲਮ।

ਸੁੱਖ ਦੁੱਖ ਦੇ ਵਿਚ ਨਾਲ ਰਹੇ,
ਯਾਰਾਂ ਦੀ ਹੈ ਯਾਰ ਕਲਮ।

(ਬਿਸ਼ੰਬਰ ਅਵਾਂਖੀਆ, ਮੋ-9781825255)

©Bishamber Awankhia
#কলম  কলম কি বলে

হটাৎ একদিন কলম আমায়
বললো একটা কথা।
আমায় দিয়ে গল্প লেখো,
খাতায় আঁকো নকশী কাঁথা।

কত রকম ছবি আঁকো,
আবার গড় কত ছড়া ।
কত গল্প  রূপকথার,
আছে তাতে  পক্ষিরাজ ঘোড়া ।

আমার বুকের কালি দিয়ে
লেখ তুমি পাতায় পাতায়।
নিজের লেখার মধ্যে দিয়ে 
রং দাও নিজের স্বাধীনতায়।

তোমার মনের রামধনুটা
উজাড় করে দাও লেখায়,
তোমার সেই গল্প কথাই
মানুষকে আবার বাঁচতে শেখায়।

তোমার মনের মধ্যে যেন
ক্রমশ আমি বিলীন হই।
কিন্তু তোমার লেখার মধ্যে,
 আমার কোনো চিন্হ কই?

লেখার সময় যতই আমি,
থাকিনা কেনো তোমায়  হাতে।
দিনের শেষে আমার জায়গা,
সেই তো আবার  পেনদানীতে।

©Arundhuti Biswas

#কলম

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#शायरी #pen  कलम उठाने की तकल्लुफ न कर क़ातिब
हर गली किताबों के ढेर पड़े हैं..!

©अज्ञात

#pen

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किताब-ए-इश्क़ में तुमको मोहब्बत पढ़ाऊँगा। दिल की कापी पे, तुमसे मोहब्बत लिखवाऊँगा।। वो जो ग़ज़ल, मैंने तुम्हारे हुस्न पर लिखी है। तुम जब मिलने आओगी, उसे पढ़ के मोहब्बत की दासता सुनाऊँगा।। उसे शिकायत है, कि मैं क्यूँ ख़ामोश रहता हूँ। इक रोज़, उसे गले लगाकर अपनी मोहब्बत बताऊँगा।। ©Prem_pyare

#L♥️ve #LO√€ #pen  किताब-ए-इश्क़ में
तुमको मोहब्बत पढ़ाऊँगा।
दिल की कापी पे,
तुमसे मोहब्बत लिखवाऊँगा।।

वो जो ग़ज़ल,
मैंने तुम्हारे हुस्न पर लिखी है।
तुम जब मिलने आओगी,
 उसे पढ़ के मोहब्बत की दासता सुनाऊँगा।।

उसे शिकायत है,
कि मैं क्यूँ ख़ामोश रहता हूँ।
इक रोज़,
उसे गले लगाकर अपनी मोहब्बत बताऊँगा।।

©Prem_pyare
#कविता #nojotohindi #Trending #sahamili #writing #poem  // लेखन का महत्व //

विचारों का अथाह  सागर है मन हमारा
इसी के इर्द-गिर्द घूमता है जीवन हमारा
मन की अभिव्यक्ति लेती है सजीव रूप
जब भावों को जाता काग़ज़ पर उतारा।

लेखन माध्यम मन की अभिव्यक्ति का
प्रबल पहचान है  कलम की  शक्ति का
रचनात्मक प्रतिभा  के साथ मार्ग  है ये 
स्थानीय और वैश्विक ज्ञान  प्राप्ति  का।

जीवन की सच्चाई से परिचय करवाता
जादू है ये समाज में दिलाए सर्वप्रियता
मन के सागर में गोते लगाकर शब्दों से
स्वयं को व्यक्त करने की इसमें क्षमता।

आत्मविश्वास है लेखन,जीवन सजाता
पाठकों तक ये विचार  सहज पहुंँचाता
मूक की आवाज़ यह अंँधों की आंँख है
सुख दुःख में ये सदा ही साथ निभाता।

तनहाई में सच्चे मित्र समान  है लेखन
ख़ामोशी में मन की आवाज़  है लेखन
जीवन की मुश्किल डगर लगे आसान
जब हमसफ़र हमारा बन जाए लेखन।

असंख्य शब्दों से साक्षात्कार है लेखन
कला ही नहीं  जीवन आधार है लेखन
एक लेखक के व्यक्तित्व  की  पहचान
उसकी वाणी है उसका प्यार है लेखन।

©Mili Saha

लेखन का महत्व #pen #nojotohindi #Trending #writing #sahamili #poem

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