उलझन आज बेचेनी से भरा है मन,अब क्या कहूं किस उलझन में हुं
चहल पहल से भरा है आंगन,अब क्या कहूं किस अकेले पन मे हूं...
सबकुछ उलझा उलझा है,अब क्या कहूं किस सुलझन मे हूं...
मैंने भीड़ में खुद को अकेला पाया है,अब क्या कहूं किस खोज में हूं...
कहना बहुत मुश्किल है, मैं शब्दो कि किस अनबन मे हूं...
सोच रही हूं जो भी मैं वो कैसे मै बयां करू
यही सोच कर परेशान हैं दिल,अब भला इसे कैसे समझाऊं ...
मैं खुद किस उलझन में हूं
inky girl
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