#HBDayAmitShah *मैं सूरज नहीं जो शाम को डूब जाऊँगा,*
*समंदर की लहर हूँ लौटकर जरूर आऊंगा।*
*आफत नहीं जो टलो और टल जाऊँगा...*
*आदत हूँ एक बार लग गया तो लग जाऊँगा...!*
*भूली बिसरी सभी यादें जला जाऊंगा...*
*तुम कागज सम्भाल कर रखना देखने जरूर आऊंगा*
*चिरागे शाम हूँ जुल्मत में भी मुस्कराऊंगा*
*थोड़ा दर्द थम जाने दो, मैं जरूर जाऊंगा...!!*
- *अमित शाह(मोटा भाई)*
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8574650201
*🌚!! शुभ रात्रि !!🌚*
*🚩!! जय सियाराम !!🚩*
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