Kavi Awinash Singh Amethia

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#ग़ज़ल तुम्हारे बिन मुझे अब कुछ यहाँ अच्छा नही लगता। मैं चलता हूँ मगर रस्ता मुझे रस्ता नही लगता। किताबें खोलकर मैं बैठ तो जाता हूँ अब पढ़ने, मगर ये दिल पढ़ाई में बहुत ज्यादा नही लगता। कभी कोई बहाने से मुझे इक कॉल कर लेते, जिओ का दौर है अब कॉल का पैसा नही लगता। अरे तुम झूठ भी कहते हो तो इतने सलीके से, तुम्हारा झूठ भी मुझको कभी झूठा नही लगता। नज़र आये नही जिसमे मेरे महबूब का चेहरा, मुझे वो आईना भी यारों आईना नही लगता। तुम्हारी याद यूँ मुझसे लिपटकर साथ चलती है, मेरा साया भी अब मुझको मेरा साया नही लगता। रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया (देवरिया) +919135481448

#ग़ज़ल  #ग़ज़ल
तुम्हारे बिन मुझे अब कुछ यहाँ अच्छा नही लगता।
मैं  चलता  हूँ  मगर  रस्ता  मुझे  रस्ता नही लगता।

किताबें  खोलकर  मैं  बैठ  तो  जाता हूँ अब पढ़ने,
मगर  ये  दिल  पढ़ाई  में बहुत ज्यादा नही लगता।

कभी  कोई  बहाने  से  मुझे  इक  कॉल  कर  लेते,
जिओ  का  दौर है अब कॉल का पैसा नही लगता।

अरे  तुम  झूठ  भी  कहते  हो  तो इतने सलीके से,
तुम्हारा  झूठ  भी  मुझको कभी झूठा नही लगता।

नज़र  आये  नही  जिसमे  मेरे  महबूब का चेहरा,
मुझे  वो  आईना  भी यारों  आईना  नही  लगता।

तुम्हारी  याद  यूँ  मुझसे लिपटकर साथ चलती है,
मेरा साया भी अब मुझको मेरा साया नही लगता।

रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया
(देवरिया) +919135481448

pooja negi# @Payal Singh @Nidhi Dehru

9 Love

#ग़ज़ल हमे हर मोड़ पर आकर ये दुनिया आजमाती है। हँसाती है कभी जी भर, कभी जी भर रुलाती है। गज़ब फितरत, गज़ब दस्तूर है मदमस्त दुनिया की, नज़र आओ नही दो चार दिन तो भूल जाती है। हकीकत है यही यारो बुरे हालात पर अपने, खड़ी होकर ये दुनिया दूर से बस मुस्कुराती है। नए रिश्ते बनाती है, यहाँ हर रोज ये दुनिया, मगर ईमान से ये कब कोई रिश्ता निभाती है। हमे अक्सर ही रखती है ये अंधेरो के साये में, कहाँ दुनिया उजालो से कभी परदा हटाती है। अरे अविनाश अब तुम उम्र के उस मोड़ पर हो की, ये दुनिया हर कदम पर अब नए अनुभव कराती है। रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया (देवरिया) +919135481448

#ग़ज़ल  #ग़ज़ल
हमे  हर  मोड़  पर  आकर  ये दुनिया आजमाती है।
हँसाती  है  कभी  जी भर, कभी जी भर रुलाती है।

गज़ब फितरत, गज़ब दस्तूर है मदमस्त दुनिया की,
नज़र  आओ  नही  दो  चार  दिन तो भूल जाती है।

हकीकत  है   यही  यारो   बुरे  हालात   पर  अपने,
खड़ी  होकर  ये  दुनिया  दूर  से  बस मुस्कुराती है।

नए   रिश्ते   बनाती  है,  यहाँ  हर  रोज  ये  दुनिया,
मगर  ईमान  से  ये  कब  कोई  रिश्ता  निभाती  है।

हमे  अक्सर  ही  रखती  है  ये  अंधेरो  के  साये में,
कहाँ  दुनिया  उजालो  से  कभी  परदा  हटाती  है।

अरे अविनाश अब तुम उम्र के उस मोड़ पर हो की,
ये दुनिया हर कदम पर अब नए अनुभव कराती है।

रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया
(देवरिया) +919135481448

pooja negi# @Writer Satya🇮🇳🇮🇳❤️ @Anjali Vijay Shankar Prasad Pratibha Tiwari(smile)🙂 @Payal Singh

7 Love

#मुक्तक भरोसा तुम किसी अनजान पर ज्यादा नही करना। जो पूरा हो नही सकता है वो वादा नही करना। हमारी ज़िन्दगी शतरंज के इक खेल जैसी है, बिना मतलब कभी आगे कोई प्यादा नही करना। रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया (देवरिया) +919135481448

#मुक्तक  #मुक्तक
भरोसा तुम किसी अनजान पर ज्यादा नही करना।
जो  पूरा  हो  नही  सकता  है वो वादा नही करना।
हमारी  ज़िन्दगी   शतरंज  के  इक  खेल  जैसी  है,
बिना  मतलब  कभी आगे कोई प्यादा नही करना।

रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया
(देवरिया) +919135481448

#मुक्तक भरोसा तुम किसी अनजान पर ज्यादा नही करना। जो पूरा हो नही सकता है वो वादा नही करना। हमारी ज़िन्दगी शतरंज के इक खेल जैसी है, बिना मतलब कभी आगे कोई प्यादा नही करना। रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया (देवरिया) +919135481448

7 Love

#HBDayAmitShah #मुक्तक अगर रावण जनेगा तो बचाने राम आएंगे। तुम्हारे कर्म ही आगे, तुम्हारे काम आएंगे। कभी गांधी जो बनकर तुम हमारा हिन्द बाटोगे, तो फिर गोली चलाने कोई नाथूराम आएंगे। रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया (देवरिया) +919135481448

#मुक्तक #HBDayAmitShah #India  #HBDayAmitShah #मुक्तक



अगर  रावण  जनेगा   तो  बचाने   राम  आएंगे।

तुम्हारे  कर्म   ही  आगे,  तुम्हारे  काम   आएंगे।

कभी गांधी जो बनकर तुम हमारा हिन्द बाटोगे,

तो  फिर  गोली  चलाने  कोई  नाथूराम  आएंगे।




रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया
(देवरिया) +919135481448

#India

9 Love

#HBDayAmitShah #मुक्तक अगर रावण जनेगा तो बचाने राम आएंगे। तुम्हारे कर्म ही आगे, तुम्हारे काम आएंगे। कभी गांधी जो बनकर तुम हमारा हिन्द बाटोगे, तो फिर गोली चलाने कोई नाथूराम आएंगे। रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया (देवरिया) +919135481448

#मुक्तक #HBDayAmitShah #shahinbaag #India #NRC #CAA  #HBDayAmitShah #मुक्तक




अगर  रावण  जनेगा   तो  बचाने   राम  आएंगे।

तुम्हारे  कर्म   ही  आगे,  तुम्हारे  काम   आएंगे।

कभी गांधी जो बनकर तुम हमारा हिन्द बाटोगे,

तो  फिर  गोली  चलाने  कोई  नाथूराम  आएंगे।



रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया
(देवरिया) +919135481448

#HBDayAmitShah #मुक्तक जनेगा गर कोई रावण बचाने राम आएंगे। तुम्हारे कर्म ही आगे, तुम्हारे काम आएंगे। कभी गांधी जो बनकर तुम हमारा हिन्द बाटोगे, तो फिर गोली चलाने कोई नाथूराम आएंगे। रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया (देवरिया) +919135481448

#मुक्तक #HBDayAmitShah #shahinbaag #NRC #CAA  #HBDayAmitShah #मुक्तक




जनेगा  गर   कोई  रावण  बचाने  राम  आएंगे।

तुम्हारे  कर्म   ही  आगे,  तुम्हारे  काम   आएंगे।

कभी गांधी जो बनकर तुम हमारा हिन्द बाटोगे,

तो  फिर  गोली  चलाने  कोई  नाथूराम  आएंगे।



रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेठिया
(देवरिया) +919135481448
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