Nature Quotes
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आपका किरदार ही आपकी पहचान है वरना एक ही नाम के हज़ारो इंसान हैं ©Sarfaraj idrishi

#Nature  आपका किरदार ही आपकी पहचान है 
वरना एक ही नाम के हज़ारो इंसान हैं

©Sarfaraj idrishi

#Nature आपका किरदार ही आपकी पहचान है वरना एक ही नाम के हज़ारो इंसान हैं Islam @Yadav Ravi @Creative Sarita @h m alam s @Eshamahi DANISHWRITES3339

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#Motivational #nojotoquotes #nojotohindi #NojotoFilms #Motivation #Rajdeep  اسان کي ڪا به پريشاني ناهي، نه ڳوڙها، جيڪڏهن سڀ ڪجهه اعتدال ۾ آهي!

©Rajdeep

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#जंगलों में जाकर सुकूं मिलता है मुझे जानवर अक्सर मेरे #दोस्त हो जाते हैं... #समंदर कहकहाते हैं मेरे साथ बैठकर #पहाड़ मुझसे मिलकर मोम हो जाते हैं... #फूल बिछे जाते हैं राहों में मेरी #झरने मुझसे मिलकर बहुत खुश हो जाते हैं... #परिंदे डाली छोड़ मेरे पास आ बैठते हैं #नदियां और #दरख़्त मेरे साथ-साथ गाते हैं... #भूतों को अक्सर मैं पसंद आ जाती हूं #प्रेतों को मेरे किस्से बहुत लुभाते हैं... #चाँद मेरी खिड़की पर रोज दस्तकें देता है #बादल घुमड़ घुमड़कर आवाज़ लगाते हैं... #बारिशें रो पड़ती हैं मेरी उदासी देखकर मैं रूठ जाऊं अगर ये #मौसम मुझे मनाते हैं... बड़ा #नाज़ आता है कभी-कभी ख़ुद पर #इंसाँ इक ना हुआ मेरा ये सब मुझपर मरे जाते हैं... ना जाने क्यों लगती है ये #प्रकृति मुझे अपनी ना जानें क्यों ये सब मुझ पर #जां लुटाते हैं !! -मोनिका ©Ram Yadav

#प्रेतों #प्रकृति #बारिशें #परिंदे #नदियां #दरख़्त  #जंगलों में जाकर
सुकूं मिलता है मुझे
जानवर अक्सर 
मेरे #दोस्त हो जाते हैं...
#समंदर कहकहाते हैं 
मेरे साथ बैठकर
#पहाड़ मुझसे मिलकर 
मोम हो जाते हैं...
#फूल बिछे जाते हैं
राहों में मेरी 
#झरने मुझसे मिलकर
बहुत खुश हो जाते हैं...
#परिंदे डाली छोड़
मेरे पास आ बैठते हैं
#नदियां और #दरख़्त 
मेरे साथ-साथ गाते हैं...
#भूतों को अक्सर 
मैं पसंद आ जाती हूं 
#प्रेतों को मेरे किस्से 
बहुत लुभाते हैं...
#चाँद मेरी खिड़की पर 
रोज दस्तकें देता है
#बादल घुमड़ घुमड़कर
आवाज़ लगाते हैं...
#बारिशें रो पड़ती हैं
मेरी उदासी देखकर
मैं रूठ जाऊं अगर
ये #मौसम मुझे मनाते हैं...
बड़ा #नाज़ आता है 
कभी-कभी ख़ुद पर
#इंसाँ इक ना हुआ मेरा 
ये सब मुझपर मरे जाते हैं...
ना जाने क्यों लगती है 
ये #प्रकृति मुझे अपनी 
ना जानें क्यों ये सब 
मुझ पर #जां लुटाते हैं !!
-मोनिका

©Ram Yadav

#Nature

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باتیں تذکرے تنقید غیبتیں کرنا چھوڑ دیں کچھ کرنا ہی ہے تو لا کر الا اللہ پہ مر بس اللہ اللہ کر ریان بلال ©Riyaan Bilal

#Nature  باتیں   تذکرے تنقید غیبتیں کرنا   چھوڑ   دیں 
کچھ کرنا ہی ہے تو    لا  کر    الا  اللہ  پہ   مر  بس    اللہ   اللہ کر
ریان بلال

©Riyaan Bilal

#Nature

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तर्क करती कुछ पंक्तियाँ अति को थोड़ा बना सकते है पर, गधों को घोड़ा बना नही सकते, क्यों नही समझते? इस प्रकृति को सता सकते है पर सृष्टि को झुका नही सकते, क्यों नही समझते? ग्रंथों को जला सकते है पर धर्म को मिटा नही सकते, क्यों नही समझते? ईश्वर को अनेक कर सकते है पर मन मुताबिक मना नही सकते, क्यों नही समझते? हम चाँद पर मंडरा सकते है पर बस्तियाँ बसा नही सकते, क्यों नही समझते? कवि आनंद दाधीच, भारत ©Anand Dadhich

#poetananddadhich #kaviananddadhich #कविता #hindikavitayen #poetsofindia  तर्क करती कुछ पंक्तियाँ

अति को थोड़ा बना सकते है पर, 
गधों को घोड़ा बना नही सकते,
क्यों नही समझते?

इस प्रकृति को सता सकते है पर
सृष्टि को झुका नही सकते,
क्यों नही समझते? 

ग्रंथों को जला सकते है पर
धर्म को मिटा नही सकते,
क्यों नही समझते? 

ईश्वर को अनेक कर सकते है पर
मन मुताबिक मना नही सकते, 
क्यों नही समझते?

हम चाँद पर मंडरा सकते है पर
बस्तियाँ बसा नही सकते, 
क्यों नही समझते? 

कवि आनंद दाधीच, भारत

©Anand Dadhich
#Sea  न मांझी, न रहबर, न हक़ में हवाएं
है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफ़र है।

©lafz

#Sea

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