शीर्षक -"सबसे प्यारी हिंदी भाषा "
हिंदी की क्या बात करें हम
हिंदी तो है शान हमारी
हिंद देश के हम हैं वासी
हिंदी ही पहचान हमारी ।
भावों की गंगा जब बहती
हिंदी मन की बात है कहती ।
देववाणी, वेदों की भाषा,
संस्कृत ही हिंदी की माँ है।
सुंदर शब्दों की लड़ियों से
हिंदी भाषा की कड़ियों से
बनती है एक सुंदर कविता बहती
जिसमें भावों की सरिता ।
हिंद देश के हम हैं निवासी
हम हैं भिन्न भाषा भाषी
हिंदी ही बस राज करे है
मथुरा हो या हो काशी |
रस-छंदों से सराबोर है
हिंदी कवियों की चितचोर है
मां भारती की वीणा -सी
हिंदी है अद्भुत गुण राशी |
देसी हो या हो विदेशी
हिंदी सबको प्यारी है
हिंदी की क्या बात करें हम
हिंदी तो है शान हमारी
हिंद देश के हम हैं
वासी हिंदी है पहचान हमारी ||
©स्मृति.... Monika
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