Hindi diwas story
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हिंदी दिवस जिस भाषा में पहली बार मैंने मां को मां कहा , वो भाषा है हिंदी...! ©अनकहे-लफ्ज़

#ज़िन्दगी #Hindidiwas  हिंदी दिवस  जिस भाषा में पहली बार
 मैंने मां को मां कहा , वो भाषा है हिंदी...!

©अनकहे-लफ्ज़

हिंदी दिवस बिछड़ जाएंगे अपने हमसे, अगर अंग्रेजी टिक जाएगी, मिट जाएगा वजूद हमारा, अगर हिंदी मिट जाएगी। ©abhay

#समाज #Hindidiwas  हिंदी दिवस  बिछड़ जाएंगे अपने हमसे,
अगर अंग्रेजी टिक जाएगी,
मिट जाएगा वजूद हमारा,
अगर हिंदी मिट जाएगी।

©abhay

हिंदी दिवस "हिंदी" "चल पड़ी कुछ लिखने, आज मेरी ये कलम। रहा है कितना मुश्किल, हिंदी भाषा का ये सफर।" "ना रहा आजकल, लोगों में इस भाषा का महत्व। अंग्रेज़ी बोलने की चाह में, गुम होता भाषा का अपनत्व।" "देखो दिल से जुड़े हैं, हम अभी भी इससे इस क़दर। कर पाते बखूबी खुद को, अपनी भाषा में ही अभिव्यक्त।" "तो क्यूं अपनाने में हो रही, हम सबको इतनी झिझक। अपनाओ साथ इसका, संवारों इसकी बिखरी-सी डगर।" "शब्दों के ज्ञान से, ज़रा खेलों तो इस क़दर। फिर ही जान पाओगे, है ये कितनी मीठी और सरल।" "ना रखो क़ैद इसको, अपनी वाणी में उम्रभर। वक्त रहते अपनाओ इसको, वरना हो चलेगी ये अनवगत।" © शिखा शर्मा

#मेरी_सुनो_ना #शायरी #कविता #HindiDiwas2021 #nojotohindi  हिंदी दिवस    "हिंदी"

"चल पड़ी कुछ लिखने, आज मेरी ये कलम।
रहा है कितना मुश्किल, हिंदी भाषा का ये सफर।"

"ना रहा आजकल, लोगों में इस भाषा का महत्व।
अंग्रेज़ी बोलने की चाह में, गुम होता भाषा का अपनत्व।"

"देखो दिल से जुड़े हैं, हम अभी भी इससे इस क़दर।
कर पाते बखूबी खुद को, अपनी भाषा में ही अभिव्यक्त।"

"तो क्यूं अपनाने में हो रही, हम सबको इतनी झिझक।
अपनाओ साथ इसका, संवारों इसकी बिखरी-सी डगर।"

"शब्दों के ज्ञान से, ज़रा खेलों तो इस क़दर।
फिर ही जान पाओगे, है ये कितनी मीठी और सरल।"

"ना रखो क़ैद इसको, अपनी वाणी में उम्रभर।
वक्त रहते अपनाओ इसको, वरना हो चलेगी ये अनवगत।"

© शिखा शर्मा

हिंदी दिवस हम अनपढ़ लोग है साहब, क्योंकि आज अनपढ़ लोगो के वजह से हिंदी भाषा कायम है। ©Prabhat Gupta

#Hindidiwas #Language #nation #India #Hindi  हिंदी दिवस  हम अनपढ़ लोग है साहब,
क्योंकि आज अनपढ़ लोगो के वजह से हिंदी भाषा कायम है।

©Prabhat Gupta

हिंदी दिवस किसी काव्य का ,अलंकार है हिन्दी। एक मातृ प्रेम का,संस्कार है हिन्दी।। किसी सुहागिन के माथे पर सजती है बिंदी । एक बच्चे की जिव्हा पर खिलती है हिन्दी ।। है मान मेरा हिन्दी ,है अभिमान मेरा हिन्दी। हिन्दी ही मेरी शान है, है स्वाभिमान मेरा हिन्दी ।। हिन्दी ही मेरा देश है, हिन्दी ही मेरा धर्म, हिन्दी ही मेरी भाषा है, हिन्दी ही मेरा कर्म।। हिन्दी ही मेरी काया है,हिन्दी ही मेरी माया। हिन्दी ही मेरा सब कुछ,हिन्दी ही मेरी छाया।। ©निर्मोही साहिल

#Hindidiwas  हिंदी दिवस  किसी काव्य का ,अलंकार है हिन्दी।
एक मातृ प्रेम का,संस्कार है हिन्दी।।

किसी सुहागिन के माथे पर सजती है बिंदी ।
एक बच्चे की जिव्हा पर खिलती  है हिन्दी ।।

है मान मेरा हिन्दी ,है अभिमान मेरा हिन्दी।
हिन्दी ही मेरी शान है, है स्वाभिमान मेरा हिन्दी ।।

हिन्दी ही मेरा देश है, हिन्दी ही मेरा धर्म,
हिन्दी ही मेरी भाषा है, हिन्दी ही मेरा कर्म।।

हिन्दी ही मेरी काया है,हिन्दी ही मेरी माया।
हिन्दी ही मेरा सब कुछ,हिन्दी ही मेरी छाया।।

©निर्मोही साहिल

हिंदी दिवस हर कण में हैं हिन्दी बसी मेरी मां की इसमें बोली बसी मेरा मान है हिन्दी मेरी शान है हिन्दी... ©Anant Nag Chandan

#Hindidiwas  हिंदी दिवस  हर कण में हैं हिन्दी बसी

मेरी मां की इसमें बोली बसी

मेरा मान है हिन्दी

मेरी शान है हिन्दी...

©Anant Nag Chandan

हर कण में हैं हिन्दी बसी मेरी मां की इसमें बोली बसी मेरा मान है हिन्दी मेरी शान है हिन्दी...

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