निर्मोही साहिल

निर्मोही साहिल Lives in Batala, Punjab, India

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हौसलों में आज अपनें, एक जोशीला, उत्साह हो रहा है। जज़्बों में आज अपनें, नई ऊर्जा का परवाह हो रहा है।। सूरज की इस किरण ने, एक उमंग सी बांध दी है। कुछ कर दिखाने की, एक तरंग सी बांध दी है।। दिन है आज मेरा, आज विजय का पताका फहराना है। मंज़िल पर पहुंच, झंड़ा अपने नाम का लहराना है।। हार हो गई थी भले ही कल मेरी, अब कब तक दुख मनाऊंगा मैं। दिन चढ़ गया है आज और एक नया, आज कुछ कर दिखाऊंगा मैं।। एक संरक्षक अगर मर भी जाए, पर लड़ना नहीं छोड़ता। फूल अगर मसला भी जाए, पर महकना नहीं छोड़ता।। रस्ते के कंकर पत्थरों से डर, आज मुझे रुकना नहीं है रुकावटें अगर तमाम आ जाए, पर मुझे झुकना नहीं है। अगर कुछ करूंगा तो, तब ही कोई हल निकलेगा अगर आज नहीं निकला तो, अवश्य ही कल निकलेगा आज मैं ख़ुद पर एक एहसान कर दूंगा मंज़िल को में आज, अपनें नाम कर दूंगा ©निर्मोही साहिल

#मेहनत #Motivational #Motivation #Instagram #Struggle  हौसलों में आज  अपनें, एक जोशीला,  उत्साह हो रहा है।
जज़्बों में आज अपनें, नई ऊर्जा का परवाह हो रहा है।।
सूरज की इस किरण ने, एक उमंग सी बांध दी है।
कुछ कर दिखाने की, एक तरंग सी बांध दी है।।

दिन है आज मेरा, आज विजय का पताका फहराना है।
मंज़िल पर पहुंच, झंड़ा अपने नाम का लहराना है।। 
हार हो गई थी भले ही कल  मेरी, अब कब तक दुख मनाऊंगा मैं।
दिन चढ़ गया है आज और एक नया, आज कुछ कर दिखाऊंगा मैं।।

एक संरक्षक अगर मर भी जाए, पर लड़ना नहीं छोड़ता।
फूल अगर मसला भी जाए, पर महकना नहीं छोड़ता।।
रस्ते के कंकर पत्थरों से डर, आज मुझे रुकना नहीं है
रुकावटें अगर तमाम आ जाए, पर मुझे झुकना नहीं है।

अगर कुछ करूंगा तो, तब ही कोई हल निकलेगा
अगर आज नहीं निकला तो, अवश्य ही कल  निकलेगा
आज मैं ख़ुद पर एक एहसान कर दूंगा
 मंज़िल को में आज, अपनें नाम कर दूंगा

©निर्मोही साहिल

ਹਾਰ ਹੋ ਗਈ ਸੀ ਕੱਲ ਮੇਰੀ, ਹੁਣ ਕੱਦੋੰ ਤੱਕ ਗੱਮ ਮਾਨਾਂਵਾਂਗਾ ਮੈਂ। ਦਿਨ ਚੱਡ ਗਿਆ ਹੈ ਇੱਕ ਹੋਰ ਨਵਾਂ, ਆੱਜ ਕੁੱਝ ਕਰਕੇ ਦਖਾਵਾਂਗਾ ਮੈਂ।। ਨਿਰਮੋਹੀ ਸਾਹਿਲ ©निर्मोही साहिल

#Morningvibes #Quotes  ਹਾਰ ਹੋ ਗਈ ਸੀ ਕੱਲ ਮੇਰੀ, ਹੁਣ ਕੱਦੋੰ ਤੱਕ ਗੱਮ ਮਾਨਾਂਵਾਂਗਾ ਮੈਂ।
ਦਿਨ ਚੱਡ ਗਿਆ ਹੈ ਇੱਕ ਹੋਰ ਨਵਾਂ, ਆੱਜ ਕੁੱਝ ਕਰਕੇ ਦਖਾਵਾਂਗਾ ਮੈਂ।।

ਨਿਰਮੋਹੀ ਸਾਹਿਲ

©निर्मोही साहिल

#Morningvibes

11 Love

#कल_सिर्फ़_याद_रह_जाएगी #कविता #Motivational #वक़्त #समय #Struggle  आज जिस पल का इंतिज़ार है, कल उस लम्हे की याद होगी।
आज तो फिर ज़ाएक़े का चस्का है, कल फिर ज़बाँ  बेस्वाद होगी।।

यह जो समय का चक्र तेजी से चलता जा रहा है।
ख़ुद घूम रहा है, और दूसरों को घूमा रहा है।।
इस गुज़र रहे दौर से ,कल दोबारा गुज़रने की आस होगी,
आज जिस पल का इंतिजार है, कल उस लम्हे की याद होगी।।

आज ज़ेहन में अफ़सानों का जो आना जाना है, कल इनका चर्चा किस्से कहानियों में होगा।
आज जो मामूली है ,कल इनका संवाद टिप्पणियों में होगा।।
हिम्मत फिर से एक बार फौलाद होगी,
आज जिस पल का इंतिज़ार है,कल उस लम्हे की याद होगी।।

इस मुश्किल रास्ते में ,आज ख़ुद को आज़माएंगे।
नंगे पाँव ही हम,मंज़िल पर पहुँच जाएंगे।।
अब तो मुक़ाम पर पहुँच कर ही,ज़िन्दगी आबाद होगी,
पर साहब!आज जिस पल का इंतिज़ार है,कल उस लम्हे की याद होगी।।
                 

     सिर्फ़ और सिर्फ़ याद होगी।।

©निर्मोही साहिल

इन आँखों को इतनी तवज्जोह मत देना, कमबख़्त ठगती बहुत हैं। एतबार के काबिल नहीं है यह, यह झूठ बोलती बहुत हैं।। इसके वादों पर मत जाना, आपसे बर्दाश्त नहीं होगा फिर, इनकी आदत है बुरी कि , यह दिल तोड़ती बहुत हैं।। ©निर्मोही साहिल

#aankhien #sadness #shayri #pyaar  इन आँखों को इतनी तवज्जोह मत देना, कमबख़्त ठगती बहुत हैं।
एतबार के काबिल नहीं है यह, यह झूठ बोलती बहुत हैं।।
इसके वादों पर मत जाना, आपसे बर्दाश्त नहीं होगा फिर,
इनकी आदत है बुरी कि , यह दिल तोड़ती बहुत हैं।।

©निर्मोही साहिल

#sadness #Love #pyaar #shayri #Poetry #Nojoto #aankhien #Eyes

14 Love

ए खुदा,जब उसे मिलना ही नहीं था,तो उससे पहले मिलाया ही क्यूँ था। अब बेबस ही करना था , तो पहले अर्मानों को जगाया ही क्यूँ था।। उसका नाम मेरे नसीबों में नहीं था , तो लकीरों में लिखा ही क्यूँ, जो होना हक़ीक़त में गवारा ही नहीं था, तो वो ख्वाब दिखाया ही क्यूँ था।। ©निर्मोही साहिल

#Hosh_khona  ए खुदा,जब उसे मिलना ही नहीं था,तो उससे पहले मिलाया ही क्यूँ था।
अब  बेबस ही करना था , तो पहले अर्मानों को जगाया ही क्यूँ था।।
उसका नाम मेरे नसीबों में नहीं था , तो लकीरों में लिखा ही क्यूँ,
जो होना हक़ीक़त में गवारा ही नहीं था, तो वो ख्वाब दिखाया ही क्यूँ था।।

©निर्मोही साहिल

हिंदी दिवस किसी काव्य का ,अलंकार है हिन्दी। एक मातृ प्रेम का,संस्कार है हिन्दी।। किसी सुहागिन के माथे पर सजती है बिंदी । एक बच्चे की जिव्हा पर खिलती है हिन्दी ।। है मान मेरा हिन्दी ,है अभिमान मेरा हिन्दी। हिन्दी ही मेरी शान है, है स्वाभिमान मेरा हिन्दी ।। हिन्दी ही मेरा देश है, हिन्दी ही मेरा धर्म, हिन्दी ही मेरी भाषा है, हिन्दी ही मेरा कर्म।। हिन्दी ही मेरी काया है,हिन्दी ही मेरी माया। हिन्दी ही मेरा सब कुछ,हिन्दी ही मेरी छाया।। ©निर्मोही साहिल

#Hindidiwas  हिंदी दिवस  किसी काव्य का ,अलंकार है हिन्दी।
एक मातृ प्रेम का,संस्कार है हिन्दी।।

किसी सुहागिन के माथे पर सजती है बिंदी ।
एक बच्चे की जिव्हा पर खिलती  है हिन्दी ।।

है मान मेरा हिन्दी ,है अभिमान मेरा हिन्दी।
हिन्दी ही मेरी शान है, है स्वाभिमान मेरा हिन्दी ।।

हिन्दी ही मेरा देश है, हिन्दी ही मेरा धर्म,
हिन्दी ही मेरी भाषा है, हिन्दी ही मेरा कर्म।।

हिन्दी ही मेरी काया है,हिन्दी ही मेरी माया।
हिन्दी ही मेरा सब कुछ,हिन्दी ही मेरी छाया।।

©निर्मोही साहिल
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