voters day quotes in hindi
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voters day quotes in hindi Don't Mind ਜੀਹਨੂੰ ਪਾਉਣੀ ਏ ਵੋਟ ਉਹਦੀ ਦਿਲੋਂ ਕਰਿਓ ਸਪੋਟ!! ਜੀਹਨੂੰ ਪਾਉਣੀ ਨ੍ਹੀ ਵੋਟ ਫਿਰ ਝੂਠਾ ਲਾਰਾ ਵੀ ਨਾ ਲਾਇਓ! ਐਵੇ ਘਰ-2 ਜਾ ਕੇ ਉਹਦੇ ਨਾਲ ਵੋਟਾਂ ਮੰਗਣ ਵੀ ਨਾ ਜਾਇਓ!! ਹੱਥ ਬੰਨ੍ਹ ਕਰਾਂ ਅਰਜ਼ੋਈ ਲੋਭ-ਲਾਲਚ 'ਤੇ ਪੈਗ-ਸੈਗ ਪਿੱਛੇ ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਦਗਾ ਨਾ ਕਮਾਇਓ!! ਹਾੜੇ! ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਦਗਾ ਨਾ ਕਮਾਇਓ! ਜਸਵੀਰ ਕੌਰ ਬਦਰਾ ©jasvir kaur sidhu

#ਰਾਜਨੀਤਿਕ  voters day quotes in hindi Don't Mind  

ਜੀਹਨੂੰ ਪਾਉਣੀ ਏ ਵੋਟ
 ਉਹਦੀ ਦਿਲੋਂ  ਕਰਿਓ ਸਪੋਟ!!

ਜੀਹਨੂੰ  ਪਾਉਣੀ ਨ੍ਹੀ ਵੋਟ
ਫਿਰ ਝੂਠਾ ਲਾਰਾ ਵੀ ਨਾ ਲਾਇਓ!
 ਐਵੇ ਘਰ-2 ਜਾ ਕੇ ਉਹਦੇ ਨਾਲ 
 ਵੋਟਾਂ ਮੰਗਣ ਵੀ ਨਾ ਜਾਇਓ!!

ਹੱਥ ਬੰਨ੍ਹ ਕਰਾਂ ਅਰਜ਼ੋਈ 
ਲੋਭ-ਲਾਲਚ 'ਤੇ ਪੈਗ-ਸੈਗ ਪਿੱਛੇ 
ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਦਗਾ ਨਾ ਕਮਾਇਓ!!
ਹਾੜੇ!
ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਦਗਾ ਨਾ ਕਮਾਇਓ!
ਜਸਵੀਰ ਕੌਰ ਬਦਰਾ

©jasvir kaur sidhu

voters day quotes in hindi Don't Mind ਜੀਹਨੂੰ ਪਾਉਣੀ ਏ ਵੋਟ ਉਹਦੀ ਦਿਲੋਂ ਕਰਿਓ ਸਪੋਟ!! ਜੀਹਨੂੰ ਪਾਉਣੀ ਨ੍ਹੀ ਵੋਟ ਫਿਰ ਝੂਠਾ ਲਾਰਾ ਵੀ ਨਾ ਲਾਇਓ! ਐਵੇ ਘਰ-2 ਜਾ ਕੇ ਉਹਦੇ ਨਾਲ ਵੋਟਾਂ ਮੰਗਣ ਵੀ ਨਾ ਜਾਇਓ!! ਹੱਥ ਬੰਨ੍ਹ ਕਰਾਂ ਅਰਜ਼ੋਈ ਲੋਭ-ਲਾਲਚ 'ਤੇ ਪੈਗ-ਸੈਗ ਪਿੱਛੇ ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਦਗਾ ਨਾ ਕਮਾਇਓ!! ਹਾੜੇ! ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਦਗਾ ਨਾ ਕਮਾਇਓ! ਜਸਵੀਰ ਕੌਰ ਬਦਰਾ ©jasvir kaur sidhu

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#ప్రేరణ  voters day quotes in hindi ప్రజలు ఎన్నికల సమయంలోనే స్వేచ్చాజీవులు.ఆ స్వల్పకాలం లభించిన స్వేచ్చను,ఉయోగించుకుంటున్నారు... అలాగే ఆపై ఆస్వేచ్చను కోల్పోటానికి కూడా సిద్ధపడుతున్నారు.

©VADRA KRISHNA

*రూసో

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voters day quotes in hindi आशाएँ धसती गई राजनीति में कौन ग़ैर? चुनावों में किससे बैर? मतों में उलझे उन्नतियों के पथ, बस; सभाएँ सजती गई, आशाएँ धसती गई! कौन किस धड़े में अड़ा? कौन किस जत्थे से जुड़ा? मतों में नीरस हुए शब्दों के अर्थ, बस; भावनाएँ मिटती गई, आशाएँ धसती गई! चले सत्ता लोभियों के द्वंद, ठस नेताओं के अफडंड, मतों में फसे धर्म-कर्म के रथ, बस; गरिमाएँ लुटती गई, आशाएँ धसती गई! डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' 🇮🇳 ©Anand Dadhich

#poetananddadhich #kaviananddadhich #कविता #hindipoetry #Politics  voters day quotes in hindi आशाएँ धसती गई

राजनीति में कौन ग़ैर?
चुनावों में किससे बैर?
मतों में उलझे उन्नतियों के पथ, बस;
सभाएँ सजती गई,
आशाएँ धसती गई!

कौन किस धड़े में अड़ा?
कौन किस जत्थे से जुड़ा?
मतों में नीरस हुए शब्दों के अर्थ, बस;
भावनाएँ मिटती गई,
आशाएँ धसती गई!

चले सत्ता लोभियों के द्वंद,
ठस नेताओं के अफडंड,
मतों में फसे धर्म-कर्म के रथ, बस;
गरिमाएँ  लुटती गई,
आशाएँ धसती गई!

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' 🇮🇳

©Anand Dadhich
#సమాజం  voters day quotes in hindi ఎన్నికల్లో ఒక మంచి వ్యక్తి గెలవాలని మనమెప్పుడూ అనుకుంటాం.కానీ అతనెప్పుడూ గెలవడు.
డబ్బే ప్రధానమైన దేశంలో ఓ మంచి వ్యక్తి ఎన్నికల్లో పోటీ చేయాలని కనీసం కల్లోనైనా అనుకోడు.!

©VADRA KRISHNA

voters day quotes in hindi ఎన్నికల్లో ఒక మంచి వ్యక్తి గెలవాలని మనమెప్పుడూ అనుకుంటాం.కానీ అతనెప్పుడూ గెలవడు. డబ్బే ప్రధానమైన దేశంలో ఓ మంచి వ్యక్తి ఎన్నికల్లో పోటీ చేయాలని కనీసం కల్లోనైనా అనుకోడు.! ©VADRA KRISHNA

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voters day quotes in hindi संतुलन हर जगह आवश्यक है, लोकतंत्र में किसी भी पार्टी का जरूरत से ज्यादा बहुमत हासिल कर लेना भी तानाशाही का प्रथम चरण है। ©3 Little Hearts

#VoteForIndia #वोट #Quotes #Vote  voters day quotes in hindi संतुलन हर जगह आवश्यक है,
लोकतंत्र में किसी भी पार्टी का जरूरत से ज्यादा
बहुमत हासिल कर लेना भी तानाशाही का प्रथम चरण है।

©3 Little Hearts

voters day quotes in hindi –+सबसे महान त्यौहार+– बेइज्जत मेहमां से दूजे.. बार बार आए क्या कीजे.. आया है चुनावी पर्व.. महसूस करूं, भारी गर्व.. मेहनतकश नेताजी घूमे शहर, बस्ती, गांव.. दिन रात न देखे, ना देखे धूप छांव.. गरीब का खाना, नंगा बच्चा गोदी में.. बुढ़िया मां के पड़ते पांव.. लिख सकता हूं पूरा ग्रंथ.. चंद क्या कह पाएंगे छंद.. बाकी परिवार, राज या तानाशाही.. बढ़नी तो ही है महंगाई.. नित ऐसी लगती रहती ऐसी चोट.. अहोभाग्य मज़ा लूं, डालूं वोट.. ©Insaan RTN

#विचार  voters day quotes in hindi –+सबसे महान त्यौहार+–

बेइज्जत मेहमां से दूजे..
बार बार आए क्या कीजे..

आया है चुनावी पर्व..
महसूस करूं, भारी गर्व..

मेहनतकश नेताजी घूमे शहर, बस्ती, गांव..
दिन रात न देखे, ना देखे धूप छांव..
गरीब का खाना, नंगा बच्चा गोदी में..
बुढ़िया मां के पड़ते पांव..

लिख सकता हूं पूरा ग्रंथ..
चंद क्या कह पाएंगे छंद..

बाकी परिवार, राज या तानाशाही..
बढ़नी तो ही है महंगाई..

नित ऐसी लगती रहती ऐसी चोट..
अहोभाग्य मज़ा लूं, डालूं वोट..

©Insaan RTN

voters day quotes in hindi –+सबसे महान त्यौहार+– बेइज्जत मेहमां से दूजे.. बार बार आए क्या कीजे.. आया है चुनावी पर्व.. महसूस करूं, भारी गर्व.. मेहनतकश नेताजी घूमे शहर, बस्ती, गांव.. दिन रात न देखे, ना देखे धूप छांव.. गरीब का खाना, नंगा बच्चा गोदी में.. बुढ़िया मां के पड़ते पांव.. लिख सकता हूं पूरा ग्रंथ.. चंद क्या कह पाएंगे छंद.. बाकी परिवार, राज या तानाशाही.. बढ़नी तो ही है महंगाई.. नित ऐसी लगती रहती ऐसी चोट.. अहोभाग्य मज़ा लूं, डालूं वोट.. ©Insaan RTN

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