*ऐक्यं बलं समाजस्य तदभावे स दुर्बल:।* *तस्मात ऐक्यं प्रशंसन्ति दॄढं राष्ट्र हितैषिण:।।* एकता ही समाज की ताकत है और एकता के बिना समाज कमजोर हो जाता है। इसलिए जो.
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