कभी- कभी "तराजू" का एक पल्ला भारी तो एक पल्ला हल्का होता हैं , फिर भी पल्ला में रखे समान को बराबर करने के लिए जाना जाता हैं, उसी तरह जिन्दगी में गम- खुशी का.
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