आँखें देख रही हैं जैसा इसको वैसा मत समझो। जो बोओगे वो काटोगे बिल्कुल ऐसा मत समझो। इस दुनिया के तौर तरीके रोज बदलते रहते हैं। दुनिया जैसे बदलो केतन अपने जैसा मत.
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