Hill Road
  • Latest
  • Popular
  • Video
#शायरी  ग़म औ खुशी दोनों ख़बर का हिस्सा है,
पत्ते हरे हों या सूखे शज़र का हिस्सा है।

अरे यूँ ना अमीरी-ग़रीबी में फ़ासले कर,
ये भो तो ज़िंदगी के सफ़र का हिस्सा है।

©अनिल कसेर "उजाला"

सफ़र

99 View

*पहाड़ चढ़ने का एक उसूल है झुक कर चढ़ो जिंदगी भी बस इतना ही मांगती है झुक कर चलोगे तो ऊंचाई तक पहुंच जाओगे* 🙏🏻🙏🏻 *सुप्रभात*🙏🏻🙏🏻 ©Harish Choudhary

#विचार #hillroad  *पहाड़ चढ़ने का एक उसूल है 
झुक कर  चढ़ो 
जिंदगी भी बस इतना ही मांगती है
 झुक कर चलोगे तो 
ऊंचाई तक पहुंच जाओगे* 

🙏🏻🙏🏻 *सुप्रभात*🙏🏻🙏🏻

©Harish Choudhary

#hillroad

12 Love

#विचार #kumarvimal #manzil #inayat #Bheed #Rahe  rahe chut rahi hai par manzil ka pata nahi
rahe chut rahi hai par manzil ka pata nahi
bheed me hum bhi lagey hai
ki inayat kaha se ho pata nahi

©Kumar Vimal

अजीब बनाया है कुदरत तूने जाने किस तरह तराशा है बंदों को तूने, किसी ने थाली ले फेंक दी और किसी ने सड़क किनारे गिरी रोटी भी खा ली।। ©Lovely Love

#विचार #majburi #bhukh  अजीब बनाया है कुदरत तूने जाने किस तरह तराशा है बंदों को तूने, किसी ने थाली ले फेंक दी और किसी ने सड़क किनारे गिरी रोटी भी खा ली।।

©Lovely Love

#bhukh #majburi

10 Love

चौराहा बुला रहा पथिकों को अपनी गोदी में चौराहा थका हुआ कोई भी आए देख के बोले आहा ! कहता थोड़ी देर ठहर जा सुस्ता ले अब प्यारे मेरी भी रौनक बढ़ जाए पंथी तेरे सहारे देख दुकानें सजा रखीं हैं कर लो तुम जलपान तुम्हें यहाँ पर मिल सकता है जरूरत का सामान बेखुद जीवन के पथ में जब चौराहे मिलते लोगों के मुरझाए चेहरे वहाँ ठहर कर खिलते ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#चौराहा #कविता  चौराहा
बुला रहा पथिकों को अपनी
गोदी में चौराहा
थका हुआ कोई भी आए
देख के बोले आहा  ! 

कहता थोड़ी देर ठहर जा
सुस्ता ले अब प्यारे
मेरी भी रौनक बढ़ जाए
पंथी तेरे सहारे

देख दुकानें सजा रखीं हैं
कर लो तुम जलपान
तुम्हें यहाँ पर मिल सकता है
जरूरत का सामान

बेखुद जीवन के पथ में
जब चौराहे मिलते
लोगों के मुरझाए चेहरे
वहाँ ठहर कर खिलते

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

कई दिन हुये, उस रास्ते से गुजरे जो तुम तक जाती थी। सुना है, रास्ते के पेड़ सूख गये, हाँ सूखना ही था उनको... मुहब्बत जो कि थी बहारों से, बहार चली गयी और रह गया पीछे ठूंठ। हम भी तो ऐसे ही हैं, ये घाट, ये गलियाँ सब बेकार... शहर बनारस अब रास नहीं आता। कुछ छूट गया या फिर छोड़ दिया, यह सवाल आजतक सवाल ही है.... घर के एक कोने में हमारा कमरा है जिसके रंग अब फीके हो चुके हैं। दिल थम सा गया है। शायद धड़कन मद्धम-सी हो रही है, तुम समझी नहीं... कुछ ठहर गया और हम बेपरवाह चलते रहे, न जाने कब अकेले हुये पता न चला। निदा फ़ाजली ने कहा था 'रोज जीता हुआ, रोज मरता हुआ; अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी', ससुरी किस्मत ने अपने दिल पर ले लिया। सांस चलना ही अगर जिन्दा रहना होता तो फिर मुहब्बत की जरूरत न थी.... शहर की आब-ओ-हवा बदल गयी पर हम अब भी वहीं हैं, तनहा, अकेले, एकदम अंधेरे में.... वहीं जहाँ तुम हमें छोड़ गयी। ❤️ 'सोच' ©मलंग

#naya  कई दिन हुये, उस रास्ते से गुजरे जो तुम तक जाती थी। सुना है, रास्ते के पेड़ सूख गये, हाँ सूखना ही था उनको... मुहब्बत जो कि थी बहारों से, बहार चली गयी और रह गया पीछे ठूंठ। 
हम भी तो ऐसे ही हैं, ये घाट, ये गलियाँ सब बेकार... शहर बनारस अब रास नहीं आता। कुछ छूट गया या फिर छोड़ दिया, यह सवाल आजतक सवाल ही है.... 
घर के एक कोने में हमारा कमरा है जिसके रंग अब फीके हो चुके हैं। दिल थम सा गया है। शायद धड़कन मद्धम-सी हो रही है, तुम समझी नहीं...
कुछ ठहर गया और हम बेपरवाह चलते रहे, न जाने कब अकेले हुये पता न चला। निदा फ़ाजली ने कहा था 'रोज जीता हुआ, रोज मरता हुआ; अपनी ही लाश का खुद मज़ार आदमी', ससुरी किस्मत ने अपने दिल पर ले लिया। सांस चलना ही अगर जिन्दा रहना होता तो फिर मुहब्बत की जरूरत न थी....
शहर की आब-ओ-हवा बदल गयी पर हम अब भी वहीं हैं, तनहा, अकेले, एकदम अंधेरे में.... वहीं जहाँ तुम हमें छोड़ गयी। ❤️

'सोच'

©मलंग

#naya

15 Love

Trending Topic