Year end 2023
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Year end 2023 समय कई जख्म देता है..! इसीलिए घडी में फूल नहीं काँटे होते हैं ..!! ©Sam

#Waqt  Year end 2023 समय कई जख्म देता है..!

इसीलिए घडी में फूल नहीं काँटे होते हैं ..!!

©Sam

#Waqt k zakhm

15 Love

Year end 2023 ଜୟ ମା ତାରିଣୀ କୃପା "ସମୟର ବିରାମ" ଜୀବନ ଉପନ୍ୟାସେ ପରିବର୍ତ୍ତିତ ପୃଷ୍ଠାଟି ଲେଉଟାଇଲା ବେଳେ, ଦାୟିତ୍ଵ ବୋଧର ପ୍ରହାର ଓ କର୍ତ୍ତବ୍ୟର ଖଣ୍ଡିକାଶେ, ପ୍ରତିଥର ଲିଭୁଥିଲା ହୃଦୟ ଗୋହିରେ ଉଦୀପ୍ତ ଵହ୍ନିଶିଖା !! ଇଚ୍ଛାମାନଙ୍କୁ ପଛରେ ଛାଡ଼ି ଆକାଶ ପରି ଫୁଙ୍ଗୁଳା ଦେହେ, ଆଙ୍କି ଦେଉଥିଲି ଅୟୁତ କ୍ରାନ୍ତିର ରେଖା ! ମୁଣ୍ଡେ ବୋଝର ତୀକ୍ଷ୍ଣଶୀଳା ଲଦି, ଦାରିଦ୍ର୍ୟତାକୁ କରିଥିଲି ଅନେକବାର ଅଣଦେଖା ! ଥକିପଡ଼ୁଥିବା ସମୟକୁ କହୁଥିଲି ନେବାକୁ ଟିକେ ବିଶ୍ରାମ !! ନିଜକୁ ନିଜ ଭିତରେ ଖୋଜିବାର ଥିଲା ଏକ ନିଷ୍ଫଳ ପୂର୍ଣ୍ଣକାମ ।। ମେଞ୍ଚା ମେଞ୍ଚା ଆକାଂକ୍ଷା ଓ ସ୍ବପ୍ନିଳ ଆଶ୍ଳେଷେ, ପ୍ରତୀକ୍ଷାରତ ନୂତନସକାଳ ଚାହିଁଥିଲା ଶେଫାଳୀର ଲେଉଟାଣିବେଳା !! ଉନ୍ମାଦ ମଧୂପ ସମ କଅଁଳ କିରଣେ, ଢ଼ାଳୁଥିଲା ଅଝଟ ଲୁହର ଲହରୀମାଳା ! ଫାଟି ପଡୁଥିଲା କୋହର ଉଦଗିରଣେ ସୁସୁପ୍ତି କୋଳେ ଦେଖି ଦେଇ ତାକୁ ?? ଅପାସୋରା ବିସ୍ମୃତିକୁ ଛାତିରେ ଜଡେଇ ଧରି ଅପେକ୍ଷା କରିଥିଲା ପରିବର୍ତ୍ତନର ସୂର୍ଯ୍ୟୋଦୟକୁ ! ଭାବୁଥିଲା ଅଟକାଇ ପାରନ୍ତା କି ? ଥରେ ସେ ରାତ୍ରିର ଆଗମନକୁ !! ଜୀବନ ଜଞ୍ଜାଳେ ଲୀଳା ଲଗାଇ ମାୟା ମେଖଳା ପିନ୍ଧାଇ, ପାଦ ଚାପି ଚାପି ଉପସ୍ଥିତ ଆଶ୍ଵାସନାର ଅନେକ ଆଶାଗୁଡ଼ିଏ ନେଇ !! ମାଦକଭରା ଯୌବନକୁ ଚୁପକି ଲୁଟିନେବ ବୟସର ଦ୍ୱାହିଦେଇ ! କି ଆନନ୍ଦ ମିଳୁଛିରେ ତୋତେ, ପ୍ରବଞ୍ଚକ ସମୟ ଯନ୍ତ୍ରଣାର ଶରଶଯ୍ୟା ପରେ ବି କାହିଁକି ହେଉ ଏତେ ନିର୍ଦ୍ଦୟ !! ଆଉ କିଛି ମୁହୂର୍ତ୍ତର ଅଭିନୟ ମାତ୍ର, ମଶାଣି ଧୂଆଁର ଚାଦର ଧାରେ ରହିଥିବ ପାଉଁଶ ମୁଠାର କୁଡୁମ ନିରାଶାରେ ଆଶାର ଆଲୋକ ଖୋଜୁ ଖୋଜୁ, ସମୟ ନେଇସାରିଥିବ ପୂର୍ଣ୍ଣ ବିରାମ !! ଆଶିଷ କୁମାର ସ୍ବାଇଁ ପୋପରଡ଼ା,ଟାଙ୍ଗୀ, କଟକ ମୋ-୭୦୦୮୧୫୭୮୦୦ ©Swapna Ashis Swain

#କବିତା  Year end 2023    ଜୟ ମା ତାରିଣୀ କୃପା 

"ସମୟର ବିରାମ"

ଜୀବନ ଉପନ୍ୟାସେ ପରିବର୍ତ୍ତିତ ପୃଷ୍ଠାଟି
ଲେଉଟାଇଲା ବେଳେ,
ଦାୟିତ୍ଵ ବୋଧର ପ୍ରହାର ଓ କର୍ତ୍ତବ୍ୟର ଖଣ୍ଡିକାଶେ, 
ପ୍ରତିଥର ଲିଭୁଥିଲା ହୃଦୟ ଗୋହିରେ ଉଦୀପ୍ତ ଵହ୍ନିଶିଖା !!
ଇଚ୍ଛାମାନଙ୍କୁ ପଛରେ ଛାଡ଼ି
ଆକାଶ ପରି ଫୁଙ୍ଗୁଳା ଦେହେ,
ଆଙ୍କି ଦେଉଥିଲି ଅୟୁତ କ୍ରାନ୍ତିର ରେଖା !
ମୁଣ୍ଡେ ବୋଝର ତୀକ୍ଷ୍ଣଶୀଳା ଲଦି,
ଦାରିଦ୍ର୍ୟତାକୁ କରିଥିଲି ଅନେକବାର ଅଣଦେଖା !
ଥକିପଡ଼ୁଥିବା ସମୟକୁ କହୁଥିଲି ନେବାକୁ ଟିକେ ବିଶ୍ରାମ !!
ନିଜକୁ ନିଜ ଭିତରେ ଖୋଜିବାର ଥିଲା
ଏକ ନିଷ୍ଫଳ ପୂର୍ଣ୍ଣକାମ ।।

ମେଞ୍ଚା ମେଞ୍ଚା ଆକାଂକ୍ଷା ଓ ସ୍ବପ୍ନିଳ ଆଶ୍ଳେଷେ, 
ପ୍ରତୀକ୍ଷାରତ ନୂତନସକାଳ ଚାହିଁଥିଲା 
ଶେଫାଳୀର ଲେଉଟାଣିବେଳା !!
ଉନ୍ମାଦ ମଧୂପ ସମ କଅଁଳ କିରଣେ,
ଢ଼ାଳୁଥିଲା ଅଝଟ ଲୁହର ଲହରୀମାଳା !
ଫାଟି ପଡୁଥିଲା କୋହର ଉଦଗିରଣେ
ସୁସୁପ୍ତି କୋଳେ ଦେଖି ଦେଇ ତାକୁ ??
ଅପାସୋରା ବିସ୍ମୃତିକୁ ଛାତିରେ ଜଡେଇ ଧରି
ଅପେକ୍ଷା କରିଥିଲା ପରିବର୍ତ୍ତନର ସୂର୍ଯ୍ୟୋଦୟକୁ !
ଭାବୁଥିଲା ଅଟକାଇ ପାରନ୍ତା କି ?
ଥରେ ସେ ରାତ୍ରିର ଆଗମନକୁ !!

ଜୀବନ ଜଞ୍ଜାଳେ ଲୀଳା ଲଗାଇ
ମାୟା ମେଖଳା ପିନ୍ଧାଇ,
ପାଦ ଚାପି ଚାପି ଉପସ୍ଥିତ ଆଶ୍ଵାସନାର ଅନେକ
ଆଶାଗୁଡ଼ିଏ ନେଇ !!
ମାଦକଭରା ଯୌବନକୁ ଚୁପକି ଲୁଟିନେବ
ବୟସର ଦ୍ୱାହିଦେଇ !
କି ଆନନ୍ଦ ମିଳୁଛିରେ ତୋତେ, ପ୍ରବଞ୍ଚକ ସମୟ
ଯନ୍ତ୍ରଣାର ଶରଶଯ୍ୟା ପରେ ବି 
କାହିଁକି ହେଉ ଏତେ ନିର୍ଦ୍ଦୟ !!
ଆଉ କିଛି ମୁହୂର୍ତ୍ତର ଅଭିନୟ ମାତ୍ର,
ମଶାଣି ଧୂଆଁର ଚାଦର ଧାରେ 
ରହିଥିବ ପାଉଁଶ ମୁଠାର କୁଡୁମ 
ନିରାଶାରେ ଆଶାର ଆଲୋକ ଖୋଜୁ ଖୋଜୁ,
ସମୟ ନେଇସାରିଥିବ ପୂର୍ଣ୍ଣ ବିରାମ !!
                                         ଆଶିଷ କୁମାର ସ୍ବାଇଁ 
                                         ପୋପରଡ଼ା,ଟାଙ୍ଗୀ, କଟକ 
                                         ମୋ-୭୦୦୮୧୫୭୮୦୦

©Swapna Ashis Swain

ସମୟର ବିରାମ

9 Love

Year end 2023 धीरे धीरे सभी छोड़ कर चले गयें ये दिसंबर तो सिर्फ एक महीना हैं..! ©mr_dhanurag_ya21c

#YearEnd #Quotes  Year end 2023 धीरे धीरे सभी छोड़ कर चले गयें 
ये दिसंबर तो सिर्फ एक महीना हैं..!

©mr_dhanurag_ya21c

#YearEnd

10 Love

Year end 2023 कोरोना आला माणसं मेली कालांतराने विसरले सगळे प्रेम विवाह झाला मुलंबाळं झाली विसरले सगळे निवडणुका झाल्या कुणी हरले कुणी जिंकले, वादविवाद गैरसमज झाले निवडणूक विसरले सगळे मायबाप मेले मुलं झाले नातू झाले ते दुःख विसरले सगळे परीक्षा झाल्या पास झाले अभ्यास विसरले सगळे लिहून झालं डायरी भरली डायरी विसरले सगळे स्वयंपाक झालं जेवण केलं पोट भरलं भूक विसरले सगळे प्रेम झालं ब्रेकअप झालं नवीन माणसं भेटली जुन्या प्रेमाला विसरले सगळे आयुष्य मिळालं दुःख मिळाले सुख विसरले सगळे जगत आलो लोकं मिळाले दुनियेचा विचार करताना स्वतःचे अस्तित्व विसरले सगळे पद मिळालं पैसा मिळाला संपत्ती मिळाली माणुसकी विसरले सगळे लग्न आलं जात बघितली समाजातील लोकं स्वार्थ साधण्यासाठी माणसाची जात विसरले सगळे आयुष्य मिळालं जबाबदारी आली अनं जगणं विसरले सगळे... कालांतराने लोकं सगळं विसरतातच फक्त काही आठवणी कायम असतात ज्या जपायच्या असतात, तरीही स्वतःच्या आनंदाला विसरून दुनियेचा विचार करून जगतात सगळे.... ©अश्लेष माडे (प्रीत कवी )

#YearEnd #Quotes  Year end 2023 कोरोना आला माणसं मेली कालांतराने विसरले सगळे 
प्रेम विवाह झाला मुलंबाळं झाली विसरले सगळे 
निवडणुका झाल्या कुणी हरले कुणी जिंकले, वादविवाद गैरसमज झाले 
निवडणूक विसरले सगळे 
मायबाप मेले मुलं झाले नातू झाले ते दुःख विसरले सगळे 
परीक्षा झाल्या पास झाले अभ्यास विसरले सगळे 
लिहून झालं डायरी भरली डायरी विसरले सगळे 
स्वयंपाक झालं जेवण केलं पोट भरलं भूक विसरले सगळे 
प्रेम झालं ब्रेकअप झालं नवीन माणसं भेटली जुन्या प्रेमाला विसरले सगळे 
आयुष्य मिळालं दुःख मिळाले सुख विसरले सगळे 
जगत आलो लोकं मिळाले दुनियेचा विचार करताना स्वतःचे अस्तित्व विसरले सगळे 
पद मिळालं पैसा मिळाला संपत्ती मिळाली माणुसकी विसरले सगळे 
लग्न आलं जात बघितली समाजातील लोकं स्वार्थ साधण्यासाठी 
माणसाची जात विसरले सगळे 
आयुष्य मिळालं जबाबदारी आली अनं जगणं विसरले सगळे...
कालांतराने लोकं सगळं विसरतातच फक्त काही आठवणी कायम असतात
 ज्या जपायच्या असतात,
तरीही स्वतःच्या आनंदाला विसरून दुनियेचा विचार करून
 जगतात सगळे....

©अश्लेष माडे (प्रीत कवी )

#YearEnd silence quotes loves quotes thoughts about love failure

10 Love

Year end 2023 वक़्त ******* जिन्दगी  नदी हैं,             वक़्त बहती धार हैँ, लीन होगी एक दिन,             समुद्र महा काल हैं, कठिनायाँ बड़ी हैं,             मुस्किल वक़्त की चाल हैं, तर गया जो इसमें,              वक़्त उसीके साथ हैं, सुख - दुख दो किनारे,               वक़्त के ही हाथ हैं, वक़्त की ही चलती,               वक़्त बड़ा बलवान है। ©Uma Vaishnav

#कविता #YearEnd  Year end 2023 
वक़्त 
*******
जिन्दगी  नदी हैं,
            वक़्त बहती धार हैँ,
लीन होगी एक दिन,
            समुद्र महा काल हैं, 
कठिनायाँ बड़ी हैं,
            मुस्किल वक़्त की चाल हैं,
तर गया जो इसमें,
             वक़्त उसीके साथ हैं,
सुख - दुख दो किनारे, 
              वक़्त के ही हाथ हैं, 
वक़्त की ही चलती, 
              वक़्त बड़ा बलवान है।

©Uma Vaishnav

#YearEnd

18 Love

#ਗਿਆਨ #YearEnd  Year end 2023 मौत को तो खुदा भी नहीं रोक पाया
फिर, इन्सान की क्या हौसीअत है।

©Surinder Kaur

#YearEnd

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