जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए।
लगे जब भी जीने की राह कठिन,
इरादों से रास्ते अपने बना दीजिए।
हर ख्वाहिश को हासिल करने का रखो हौसला,
खुद में हर मुश्किल को हल दीजिए।
हो गर आसमान की ऊँचाई छूने का इरादा,
तो जमीन से अपनी उड़ान दीजिए।
हो दर्द जो दिल में छुपा गहरा,
अपनी ताकत का हिस्सा उसे बना दीजिए।
©नवनीत ठाकुर
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