कई चले तुफान और कई चली हैं आंधियां । पर मेवाड़ ऐसा दीप है,जो कभी बुझता नहीं।। कई तूफा आए हैं, कई चले गए। गिरी हो कोई इमारतें,तो यार हमे बताओं तुम।। कई चली.
1 Stories
2,602 View
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here