एक बार की बात है कि एक बार रात के बारह बजे थे। की खट खट की आवाज़ आने लगी। इस आवाज़ से डर लगने लगा पहले तो सोचा कुछ नहीं है। पर साय साय की आवाजे पायल की छन छन की आवाज़ पहले तो धीरे धीरे आ रही थी फिर थोडी और तेज़ और फिर तेज़ ऐसे सुनते सुनते कब बहुत तेज़ आवाज़ आने लगी मानों पलंग के पास ही खड़ी हो धीरे धीरे सांसे तेज होने लगी। चादर को इतनी ज़ोर से पकड़ लिया मानों अभी चादर खींच लें तो प्राण पखेरू उड़ जाएंगे। अब तो चादर के अंदर भीं दम घुटने लगा था। तभी दरवाज़े के पास वाली खिड़की में से आवाज़ आने लगी।
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