Sign in
 इस शॉर्ट स्टोरी को पूरा करें #Baba के साथ
#Nojoto
  • Latest
  • Popular
  • Video

आज फिर नयी जिम्मेदारी थी, वो फिर एक नए काम के लिए नए शहर में भटक गए, चार पैसा कमाने के में, आज फिर बाबा घर देरी से आए । ता उम्र कमाते -कमाते बित गए , मैं इस इंतजार में बैठी हू कब बाबा घर जल्दी आयेंगे क्योंकि..... "बाबा आज फिर घर देर से आए" ©aarti rathod

#कविता  आज फिर नयी जिम्मेदारी थी, 
वो फिर एक नए  काम के लिए नए शहर में भटक गए, 
चार पैसा कमाने के में, आज फिर बाबा घर देरी से आए ।
ता उम्र कमाते -कमाते बित गए , 
मैं इस इंतजार में बैठी हू 
कब बाबा घर जल्दी आयेंगे क्योंकि.....

 "बाबा  आज फिर घर देर से आए"

©aarti rathod

papa ❤

6 Love

#विचार  क्योकि उन्हे कल के लिए,
आज को  कमाना है,,

©❤SG❤

आज

18,404 View

Baba Aaj Phir Ghar Der Se Aye Kyunki.. unhe apno ke liye mehnat karni padti hai, hum lakh bol de ghar jaldi aane ko, par hamari khusi ke liye woh der se roj ayenge taki thodi or khusi lete aaye. ©Kridha

 Baba Aaj Phir Ghar Der Se Aye Kyunki.. unhe apno ke liye mehnat karni padti hai, hum lakh bol de ghar jaldi aane ko, par hamari khusi ke liye woh der se roj ayenge taki thodi or khusi lete aaye.

©Kridha

Baba Aaj Phir Ghar Der Se Aye Kyunki.. unhe apno ke liye mehnat karni padti hai, hum lakh bol de ghar jaldi aane ko, par hamari khusi ke liye woh der se roj ayenge taki thodi or khusi lete aaye. ©Kridha

7 Love

पापा ने उंगली पकड़ के चलना सिखाया मां ने सिखाई होशियारी मां ने सिखाया जीने का अंदाज पापा ने सिखाया मेहनत करना ©िरैनद विरैनद

#विचार  पापा ने उंगली पकड़ के चलना सिखाया मां ने सिखाई होशियारी मां ने सिखाया जीने का अंदाज पापा ने सिखाया मेहनत करना

©िरैनद विरैनद

पापा ने उंगली पकड़ के चलना सिखाया मां ने सिखाई होशियारी मां ने सिखाया जीने का अंदाज पापा ने सिखाया मेहनत करना ©िरैनद विरैनद

10 Love

जिम्मेदारियों की धूप में चल कर आए। मेहनत की आग में जल कर आए। अपनों के सपने कहीं बिखेर न जाए। इसलिए बाबा आज फिर घर देर से आए।। मुझे हालात से लड़ने के काबिल बना पाए। मेरे कल की फिक्र उन्हें कभी न सताए। मेरे सपनों की उड़ान कहीं रुक न जाए। इसलिए बाबा आज फिर घर देर से आए।। हमारे लिए हर त्यौहार नए कपड़े ले आए। अपने लिए खर्चे फिजूल कहकर भूल गए। ताउम्र वो बस हमारे लिए ही कमाए। इसलिए बाबा आज फिर घर देर से आए।। आंसू छुपाकर सिर्फ खुशियां साथ लेकर आए। मगर "कैसे हो?" पूछने पर कोई जवाब न दे पाए। खुद अंधेरे में रहकर हमे सवेरा वो दिखाए। और बाबा आज फिर घर देर से आए।। ©Anagha Ukaskar

#hindipoetry #father #kavita #poem  जिम्मेदारियों की धूप में चल कर आए।
मेहनत की आग में जल कर आए।
अपनों के सपने कहीं बिखेर न जाए।
इसलिए बाबा आज फिर घर देर से आए।।

मुझे हालात से लड़ने के काबिल बना पाए।
मेरे कल की फिक्र उन्हें कभी न सताए।
मेरे सपनों की उड़ान कहीं रुक न जाए। 
इसलिए बाबा आज फिर घर देर से आए।।

हमारे लिए हर त्यौहार नए कपड़े ले आए।
अपने लिए खर्चे फिजूल कहकर भूल गए।
ताउम्र वो बस हमारे लिए ही कमाए।
इसलिए बाबा आज फिर घर देर से आए।।

आंसू छुपाकर सिर्फ खुशियां साथ लेकर आए।
मगर "कैसे हो?" पूछने पर कोई जवाब न दे पाए।
खुद अंधेरे में रहकर हमे सवेरा वो दिखाए।
और बाबा आज फिर घर देर से आए।।

©Anagha Ukaskar

#father #Love #poem #hindipoetry #kavita #Nojoto

9 Love

उनकी जिम्मेदारियों का बोझ, उम्र बढ़ने के साथ-साथ बढता ही जा रहा है और उनके कदम थकावट की सीमा को लगातार लाँघकर, दिन पर दिन बस चले जा रहे हैं, और उनका बलिदान हर रोज एक नयी ऊंचाई को छूता है और फिर एक नई राह पर निकल पड़ता है, वो भी सिर्फ इसलिए कि कहीं उनके बच्चों की परवरिश में कोई कमी न रह जाए ।। ©Ashwani Kumar

#responsibility #lifestyle #Memories #Promise #Future  उनकी जिम्मेदारियों का बोझ,
उम्र बढ़ने के साथ-साथ
बढता ही जा रहा है और
उनके कदम थकावट की सीमा को
 लगातार लाँघकर,
दिन पर दिन बस चले जा रहे हैं,
और उनका बलिदान हर रोज
एक नयी ऊंचाई को छूता है
और फिर एक नई राह पर
निकल पड़ता है,
वो भी सिर्फ इसलिए कि कहीं
उनके बच्चों की परवरिश में
कोई कमी न रह जाए ।।

©Ashwani Kumar
Trending Topic