ट्यूशन पढ़ कर वापिस जाते -जाते रुकी और पलट कर कहने लगी "सर मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है, अगर इजाजत हो "मैंने कहा "पूछो बेटा, बेधड़क होकर पूछो"। "मुझे पूछने में शर्म आ रही है सर" जिज्ञासा कहने लगी। "ऐसी क्या बात है मुझे बताओ"मैंने कहा।
नजरें नीचे झुका कर जिज्ञासा ने कहा" फिर बात वह है ना, कि कि, मुझे आपसे प्यार हो गया है"।
" मुझे लग तो पहले से ही रहा था कि तुम्हारा मन पढ़ाई में नहीं है, तुम्हारा ट्यूशन में भी मोबाइल लेकर आना, तुम कुछ नहीं जानती जिज्ञासा, तुम जिसे प्यार कह रही हो वह प्यार नहीं, शारीरिक आकर्षण है बेटा, तुम्हारी उम्र में यह होता ही है, अच्छी चीज, पढ़ो, अच्छी चीज देखो" गुरू और शिष्य की मर्यादा का ख्याल कर लेती ", मेरी बात सुनकर फिर वह गुस्से से चली गयी "।
©Kamlesh Kandpal
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