दोस्तो को समर्पित
ना कभी इम्तिहान लेती है, ना कभी इम्तिहान देती है । दोस्ती तो वो है - जो बारिश में भीगे चेहरे पर भी आँसुओं को पहेचान लेती है।
आज रब से मुलाकात की थोड़ी सी आपके बारे में बात की; मैंने कहा क्या दोस्त है; क्या किस्मत पाई है; रब ने कहा संभाल के रखना, मेरी पसंद है जो तेरे हिस्से में आई है।
©Sanjeev0834
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