"सुधर जाओ"
जो विद्यार्थी किनारे के आसपास सुधर जाओ
अनुतीर्ण होने के दरिया में डूबने से बच जाओ
जो विद्यार्थी अनुतीर्ण होने के बहुत नजदीक है,
वो ओर ज्यादा सुधकर,अपना भविष्य बचाओ
जो अर्द्धवार्षिक में,उतीर्ण हुए,ज्यादा न इतराओ
गणित विषय पर जरा सा भी रहम तुम न खाओ
करो परिश्रम,न करो किसी बात का गम विद्यार्थियों
शूल जैसे विद्यार्थी जीवन में गुलाब जैसे मुस्कुराओ
आर्यभट्ट वंशज,तुम भारतीय हो,यह न भूल जाओ
अथक परिश्रम से,तुम आसमां के तारे गिन जाओ
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"
©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
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