जब तुम पास आते हो, ये इन दूरियों से जो तुम मुझे याद कर रही हो,,,
दिल में क्या है मेरे, क्या ये तुम भाप रही हो,,,
देखो ये कलम उंगलियों में कैसे सरसरा रही है,,,
तुम्हारे तारीफो के पूल ये हर्फ से बांध रही है,,,,
दोस्ती लिखी जाएगी,,, प्यार लिखा जायेगा,,,
मुलाकाते, यादें ये हमारे दरमिया की लिखी जाएंगी,,,,
तस्वीर से तुम्हारे दिल के ये तार जोड़ कर,,,
दास्तां ये अपनी यारी की कुछ इस तरह इश्क़ में लिखी जाएंगी,,,
©Faiz Khan
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here