जहां मैटर बड़े होते है,
वहां किंग खड़े होते है।
कौन भूलेगा वो दिन,
जब दिल्ली मुश्किल में पड़ी थी।
छोड़ पिता का अंतिम संस्कार,
किंग ने टीम बचाने की ठानी थी।
कर दिया था सपना पूरा पिता का,
देश को क्रिकेट का ये जुनून देते हैं।
जहां मैटर बड़े होते है,
वहां किंग खड़े होते है।
एग्रेशन को रख सर पर,
ग्राउंड पर तहलका मचाते है।
पर ग्राउंड के बाद तो वो,
सब प्लेयर्स का सम्मान करते है।
दुश्मनी न रखते किसी से,
अपने खेल को केवल खेल समझते है।
जहां मैटर बड़े होते है।
वहां किंग खड़े होते है।
©Shubham36
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