Drops
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#कोट्स #Drops  "पानी" बचाओ
जवानी बचाओ...

©कृतान्त अनन्त नीरज...

#Drops #love

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When life is falling apart, think of reasons to keep yourself together..... MQ #mywritings ©Prashanth Muthineni

#mywritings  When life is falling apart, think of reasons to keep yourself together.....

MQ
#mywritings

©Prashanth Muthineni

MQ #mywritings

15 Love

ਤੇਰੇ ਬਿਨ ਅਣਜਾਣ ਲਗਦੀਆਂ ਗਲੀਆਂ ਤੇਰੇ ਸ਼ਹਿਰ ਦੀਆਂ ©jittu sekhon

#ਵਿਚਾਰ #Drops  ਤੇਰੇ ਬਿਨ ਅਣਜਾਣ ਲਗਦੀਆਂ
 ਗਲੀਆਂ ਤੇਰੇ ਸ਼ਹਿਰ ਦੀਆਂ

©jittu sekhon

#Drops

11 Love

#शायरी #Drops  हर बूंद को तरशेगा इंसान पानी की
इफरात से किया हैं इस्तेमाल,
कुदरत के जर्रे जर्रे को तबाह करके
अब इंसान जो जायेगा बेहाल।

©Kamlesh Kandpal

#Drops

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#शायरी  मुझे मोहब्बत तो कुदरत की बनाई हुई हर 
 चीज से है ... 
 बस उलझन में इसलिए हूं कि,
 पहले बरसात लिखूं या तेरा नाम...

©Sourabh Bhadoriya

बरसात लिखूँ,या तेरा नाम... Miss poojanshi Swati Srivastava dhyan mira indu singh Gopal Barupal ... ❤❤❤

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बारिश और यादों में ज्यादा फर्क नही होता है बारिश हर रोज नही आती ठीक वैसे ही तुम्हारी याद भी हर रोज नही आती लेकिन जब आती है तो फिर पूरा भीगा जाती है शुरुआत में पानी की बूंदों सी तुम्हारी याद भी जम जाती है फिर जब पानी की बूंदे बौछारो में बदलती है तो तुम्हारी यादों की भी बौछारें पड़ने लगती है लेकिन ये बौछारें कभी कभी तेज़ बारिश में बदल जाती है और फिर कभी कभी तो ये बारिश तबाही ले आती है और जब बारिश तेज होती है तो जमी हुई बूंदों को बहा ले जाती है ठीक उसी तरह तुम्हारी यादों की बौछारें जब तेज बारिश में बदल जाती है तब वह उन जमी हुई यादों को भी बहा ले जाती है और कभी कभी तो मंजर तबाही वाला हो जाता है लेकिन जैसे तबाही अपने निशान छोड़ जाती है ठीक वैसे ही तुम्हारी यादे भी अपने निशान छोड़ जाती है वैसे ऐसा नही है कि मै कोशिश नही करता कार के शीशे पर बूंदे गिरे तो उसे वाइपर से साफ किया जा सकता है बौछारे पड़े तो वाइपर की गति को बढ़ाया जा सकता है लेकिन जब बहुत तेज बारिश हो तो वाइपर काम नही करता और हमे बारिश के रुकने का इंतजार करना पड़ता है ठीक वैसे ही तुम्हारी यादों की बूंदों और बौछारों पर तो वाइपर काम कर जाता है लेकिन जब तुम्हारी याद भी तेज बारिश की तरह आने लगती है तो वाइपर काम नही करता और मुझे उस बारिश के रुकने के इंतजार में कहीं ठहरना पड़ता है लेकिन कभी कभी बारिश रुक रुक कर होती है और बारिश की तरह तुम्हारी याद भी कभी कभी रुक रुक कर आती है जैसे बारिश शुरू हुई मैं ठहर गया था बारिश बंद हुई मैं चल पड़ा ठीक वैसे ही तुम्हारी यादों की बारिश में मैं पूरा भीग जाता हूँ तो ठहर जाता हूँ सूखने लगता हूँ कि दोबारा बारिश शुरू हो जाती है और मै दोबारा भीग जाता हूँ इस तरह तुम्हारी याद में मैं कई बार बूंदों सा जम जाता हूँ कई बार बौछारों सा बरस कर संभल जाता हूँ तो कभी कभी तेज़ बारिश की तरह तुम्हारी यादों में बह जाता हूँ तो कई बार यादों के तूफान के उफान को शांत कराता हूँ इस तरह कई बार चलती रुकती बारिश की तरह तुम्हारी यादों की बारिश में भीगता हूँ और सूखता हूँ सार्थक😊 ©Sarthak Trivedi

#ज़िन्दगी #yaadein #baarish #Drops #tum  बारिश और यादों में ज्यादा फर्क नही होता है बारिश हर रोज नही आती ठीक वैसे ही तुम्हारी याद भी हर रोज नही आती लेकिन जब आती है तो फिर पूरा भीगा जाती है शुरुआत में पानी की बूंदों सी तुम्हारी याद भी जम जाती है फिर जब पानी की बूंदे बौछारो में बदलती है तो तुम्हारी यादों की भी बौछारें पड़ने लगती है लेकिन ये बौछारें कभी कभी तेज़ बारिश में बदल जाती है और फिर कभी कभी तो ये बारिश तबाही ले आती है और जब बारिश तेज होती है तो जमी हुई बूंदों को बहा ले जाती है ठीक उसी तरह  तुम्हारी यादों की बौछारें जब तेज बारिश में बदल जाती है तब वह उन जमी हुई यादों को भी बहा ले जाती है और कभी कभी तो मंजर तबाही वाला हो जाता है लेकिन जैसे तबाही अपने निशान छोड़ जाती है ठीक वैसे ही तुम्हारी यादे भी अपने निशान छोड़ जाती है वैसे ऐसा नही है कि मै कोशिश नही करता कार के शीशे पर बूंदे गिरे तो उसे वाइपर से साफ किया जा सकता है बौछारे पड़े तो वाइपर की गति को बढ़ाया जा सकता है लेकिन जब बहुत तेज बारिश हो तो वाइपर काम नही करता और हमे बारिश के रुकने का इंतजार करना पड़ता है ठीक वैसे ही तुम्हारी यादों की बूंदों और बौछारों पर तो वाइपर काम कर जाता है लेकिन जब तुम्हारी याद भी तेज बारिश की तरह आने लगती है तो वाइपर काम नही करता और मुझे उस बारिश के रुकने के इंतजार में कहीं ठहरना पड़ता है लेकिन कभी कभी बारिश रुक रुक कर होती है और बारिश की तरह तुम्हारी याद भी कभी कभी रुक रुक कर आती है जैसे बारिश शुरू हुई मैं ठहर गया था बारिश बंद हुई मैं चल पड़ा ठीक वैसे ही तुम्हारी यादों की बारिश में मैं पूरा भीग जाता हूँ तो ठहर जाता हूँ सूखने लगता हूँ कि दोबारा बारिश शुरू हो जाती है और मै दोबारा भीग जाता हूँ इस तरह तुम्हारी याद में मैं कई बार बूंदों सा जम जाता हूँ कई बार बौछारों सा बरस कर संभल जाता हूँ तो कभी कभी तेज़ बारिश की तरह तुम्हारी यादों में बह जाता हूँ तो कई बार यादों के तूफान के उफान को शांत कराता हूँ इस तरह कई बार चलती रुकती बारिश की तरह तुम्हारी यादों की बारिश में भीगता हूँ और सूखता हूँ 

सार्थक😊

©Sarthak Trivedi
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