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#Water #Drops #Black&White#Drops Wallpaper.
3486 Stories
कृतान्त अनन्त नीरज...
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When life is falling apart, think of reasons to keep yourself together..... MQ #mywritings ©Prashanth Muthineni
Prashanth Muthineni
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ਤੇਰੇ ਬਿਨ ਅਣਜਾਣ ਲਗਦੀਆਂ ਗਲੀਆਂ ਤੇਰੇ ਸ਼ਹਿਰ ਦੀਆਂ ©jittu sekhon
jittu sekhon
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Kamlesh Kandpal
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Sourabh Bhadoriya
46 View
बारिश और यादों में ज्यादा फर्क नही होता है बारिश हर रोज नही आती ठीक वैसे ही तुम्हारी याद भी हर रोज नही आती लेकिन जब आती है तो फिर पूरा भीगा जाती है शुरुआत में पानी की बूंदों सी तुम्हारी याद भी जम जाती है फिर जब पानी की बूंदे बौछारो में बदलती है तो तुम्हारी यादों की भी बौछारें पड़ने लगती है लेकिन ये बौछारें कभी कभी तेज़ बारिश में बदल जाती है और फिर कभी कभी तो ये बारिश तबाही ले आती है और जब बारिश तेज होती है तो जमी हुई बूंदों को बहा ले जाती है ठीक उसी तरह तुम्हारी यादों की बौछारें जब तेज बारिश में बदल जाती है तब वह उन जमी हुई यादों को भी बहा ले जाती है और कभी कभी तो मंजर तबाही वाला हो जाता है लेकिन जैसे तबाही अपने निशान छोड़ जाती है ठीक वैसे ही तुम्हारी यादे भी अपने निशान छोड़ जाती है वैसे ऐसा नही है कि मै कोशिश नही करता कार के शीशे पर बूंदे गिरे तो उसे वाइपर से साफ किया जा सकता है बौछारे पड़े तो वाइपर की गति को बढ़ाया जा सकता है लेकिन जब बहुत तेज बारिश हो तो वाइपर काम नही करता और हमे बारिश के रुकने का इंतजार करना पड़ता है ठीक वैसे ही तुम्हारी यादों की बूंदों और बौछारों पर तो वाइपर काम कर जाता है लेकिन जब तुम्हारी याद भी तेज बारिश की तरह आने लगती है तो वाइपर काम नही करता और मुझे उस बारिश के रुकने के इंतजार में कहीं ठहरना पड़ता है लेकिन कभी कभी बारिश रुक रुक कर होती है और बारिश की तरह तुम्हारी याद भी कभी कभी रुक रुक कर आती है जैसे बारिश शुरू हुई मैं ठहर गया था बारिश बंद हुई मैं चल पड़ा ठीक वैसे ही तुम्हारी यादों की बारिश में मैं पूरा भीग जाता हूँ तो ठहर जाता हूँ सूखने लगता हूँ कि दोबारा बारिश शुरू हो जाती है और मै दोबारा भीग जाता हूँ इस तरह तुम्हारी याद में मैं कई बार बूंदों सा जम जाता हूँ कई बार बौछारों सा बरस कर संभल जाता हूँ तो कभी कभी तेज़ बारिश की तरह तुम्हारी यादों में बह जाता हूँ तो कई बार यादों के तूफान के उफान को शांत कराता हूँ इस तरह कई बार चलती रुकती बारिश की तरह तुम्हारी यादों की बारिश में भीगता हूँ और सूखता हूँ सार्थक😊 ©Sarthak Trivedi
Sarthak Trivedi
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