एक जोड़ी बैल
हल और पालो
एक ठो कुदाल
एगो लूंगी,
एक ठो गमछा
और एक ठो बनियान
गेहूं, मकई, चना
के पावडर (सत्तू)
छोटका प्याज
हरका मरचाय
सुखलो खटाय
दस ठो रोपनिया
एक ठो मोरकबड़ा
आरु ढेर सन हिम्मत
यही किसान के साथी छै
धन्य छै हमरो देश के माटी
जे 0 इन्वेस्टमेंट म
पूरा देश के पेट भरए छै
आरू हेकरे शहरी भाषा मे
अनपढ़ गवार कहलों जाय छै।
आज कल यह अनपढ़ गवार
खेतो में देखाय छै,
आरू पढ़लो लिखलो रेस्टोरेंट में,
©सौरभ अश्क
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