सुनो, मेरे पहले प्यार शादी तुझसे करनी ह ,पसन्द तेरे पिता की बननी
न सुकून से सौऊँ रातों में , मांग तेरी जो भरनी ह
बस थोड़ा और पढ पाऊ,सरकारी नौकर बन जाऊं
पिता तेरा जैसा वर चाहे, ख्वाइश उतनी ही रखनी ह
शादी तुझसे करनी ह ,पसन्द तेरे पिता की बननी ह
मुझे भी प्यार ह तुझसे, न तुझसे बात करनी ह
तू घर की आबरू पूनम, तुझे सम्भाले रखनी ह
कुछ लम्हे तन्हा जिंदगी, बाक़ी तेरे संग गुजरनी ह
शादी तुझसे करनी ह ,पसन्द तेरे पिता की बननी
सिद्दत की चाहत में , मेरी जान गुजरनी ह
अभी कुछ और कविताएं,तेरे नाम करनी ह
to be continued...
योगेश_कुमार✍️
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