Nature Quotes
दोहा छंद
काले कजरारे नयन,लूटें मन का चैन।
मिसरी से मीठे लगें, गोरी तेरे बैन।।
शोभित कुंडल कान में,गल में साजे हार।
सुन्दर नासा कीर सी,भौंह कमानीदार।।
गोरे-गोरे गाल हैं,सेब की तरह लाल।
कुंतल काले हैं घने, हिरनी जैसी चाल।।
मदिरा के प्याले अधर, गोरे-गोरे हाथ।
साड़ी सुन्दर है बदन,तिलक नीलमणि माथ।।
पायल पहने पाँव में,कंगन सोहे हाथ।
गल में पहने नौलखा,टिकुली साजे माथ।।
सर पर ओढ़े चूनरी,कमर करधनी डाल।
हिरनी सी चलती मटक, मनमोहक है चाल।।
फुर्सत में रब ने गढ़ा, सुन्दर रूप अनूप।
मोहित हो जाता जगत,देख नारि का रुप।।
सुन्दर नारी रुप का, दीवाना संसार।
सुन्दर नारी देखकर, उपजे मन में प्यार।।
प्रेमी काया का हुआ, सारा सकल समाज।
नारी तेरे रुप ने, लूट लिया जग आज।।
गोरी तेरे प्रेम में,पागल सारे लोग।
दीवाने सब हो गए,पाल प्रेम का रोग।।
स्वरचित रचना- राम जी तिवारी"राम"
उन्नाव (उत्तर प्रदेश)
©Ramji Tiwari
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