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White हाय तेरी फुलझड़ी तुझे बुला रही है, साथ में तुझे सपने बड़े दिखा रही है। कहीं आंख न खुल जाए तुम्हारी, फेविकोल से बंद करना आंखे। कहीं सपना टूटने पर दिल न टूट जाए अदिति जैन ©aditi the writer

#शायरी #Funny  White हाय तेरी फुलझड़ी तुझे बुला रही है,
साथ में तुझे सपने बड़े दिखा रही है।
कहीं आंख न खुल जाए तुम्हारी,
फेविकोल से बंद करना आंखे।
कहीं सपना टूटने पर दिल न टूट जाए
अदिति जैन

©aditi the writer

#Funny आगाज़ OZL @Raj Sabri

16 Love

#विचार #RadheGovinda

#RadheGovinda भक्ति गीत गीत

144 View

#कविता #Couple  White प्रेम कैसे पढ़ू?

प्रेम कैसे पढ़ू मैं,
शब्दों की किताब में नहीं मिलता,
न कोई अर्थ, न कोई वाक्य,
ये तो धड़कनों में बसता है,
और सांसों में बहता है।

प्रेम कोई पन्ना नहीं,
जो उलट दूं और समझ जाऊं,
ये तो एक एहसास है,
जो बिना कहे सब कुछ कह जाता है।

आंखों की भाषा में लिखा,
और मुस्कानों में छिपा,
ये वो लिपि है,
जिसे दिल पढ़ता है,
मगर जुबां कह नहीं पाती।

हर स्पर्श में, हर आहट में,
प्रेम की कोई कहानी होती है,
न कोई किताब बताती इसे,
न कोई कलम लिख पाती इसे।

तो कैसे पढ़ू प्रेम मैं?
बस महसूस करूं,
दिल की गहराइयों में,
जहां शब्द खत्म होते हैं,
और एहसास शुरू।

प्रेम को पढ़ना नहीं,
जीना होता है,
हर धड़कन के साथ,
हर लम्हा, हर सांस में।

©aditi the writer

#Couple आगाज़ @Niaz (Harf) @it's_ficklymoonlight

90 View

White रंग-बिरंगी उम्मीदों का जाल, दिल में बुनती हर सवाल, कभी जीतने का जुनून चढ़ता, कभी हार में भी सुकून मिलता। ©aditi the writer

#शायरी #good_night  White 

रंग-बिरंगी उम्मीदों का जाल,
दिल में बुनती हर सवाल,
कभी जीतने का जुनून चढ़ता,
कभी हार में भी सुकून मिलता।

©aditi the writer

#good_night @Niaz (Harf) आगाज़ @shraddha.meera @it's_ficklymoonlight

20 Love

White दर्पण जो देखा एक दिन सच पता चल गया दर्पण जो देखा एक दिन, सच पता चल गया, चेहरे पर हँसी थी लेकिन, मन का रंग बदल गया। आँखों की चमक तो थी, पर आंसू भी छिपे थे, जो सोचा था सजीव था, वो तो बस सपने थे। चेहरे पर थे नक़ाब कई, हँसी थी अधूरी, आत्मा की पुकार थी, दिल में छिपी मजबूरी। जीवन की इस दौड़ में, खो दिया था ख़ुद को, भीड़ में ढूँढा ख़ुद को, पर कोई ना मिला था वो। सपनों के पीछे भागते, हकीकत भूल बैठे, दर्पण ने दिखा दिया, हम कहाँ से गुजर बैठे। असली ख़ुशी वो नहीं, जो बाहरी रूप में दिखती, ख़ुशी तो वही होती है, जो दिल की गहराई से उठती। अब जाना ये सच्चाई, जो दर्पण ने सिखाई, ख़ुद से प्यार करना है, यही तो है सफ़ाई। चेहरे के पीछे की रौनक, मन से ही आती है, दर्पण जो देखा एक दिन, सच्चाई समझ आती है। ©aditi the writer

#कविता #दर्पण  White दर्पण जो देखा एक दिन सच पता चल गया

दर्पण जो देखा एक दिन, सच पता चल गया,
चेहरे पर हँसी थी लेकिन, मन का रंग बदल गया।
आँखों की चमक तो थी, पर आंसू भी छिपे थे,
जो सोचा था सजीव था, वो तो बस सपने थे।

चेहरे पर थे नक़ाब कई, हँसी थी अधूरी,
आत्मा की पुकार थी, दिल में छिपी मजबूरी।
जीवन की इस दौड़ में, खो दिया था ख़ुद को,
भीड़ में ढूँढा ख़ुद को, पर कोई ना मिला था वो।

सपनों के पीछे भागते, हकीकत भूल बैठे,
दर्पण ने दिखा दिया, हम कहाँ से गुजर बैठे।
असली ख़ुशी वो नहीं, जो बाहरी रूप में दिखती,
ख़ुशी तो वही होती है, जो दिल की गहराई से उठती।

अब जाना ये सच्चाई, जो दर्पण ने सिखाई,
ख़ुद से प्यार करना है, यही तो है सफ़ाई।
चेहरे के पीछे की रौनक, मन से ही आती है,
दर्पण जो देखा एक दिन, सच्चाई समझ आती है।

©aditi the writer

White कोशिश क्यों न करूं जीने की, क्यों हार मान लूं मैं, अभी तो रास्ते बचे हैं बहुत, क्यों रुक जाऊं थक कर यहाँ? हर एक चुनौती, हर एक कठिनाई, सिखाने आई है मुझको कुछ नया, जो गिर के उठना सीखा है मैंने, वो हार कहाँ जानता है भला? तूफ़ान आएं, आंधियां चलें, मेरे हौसले न डिगने पाएंगे, कदम-कदम पर रुकावटें मिलें, फिर भी मेरे सपने सजते जाएंगे। जीवन की राह है अनजान सही, पर हर मोड़ पर है एक आस नई, हर अंधेरे में छुपा है उजाला कहीं, मैं क्यों न चलूं, क्यों थमूं यहीं? इसलिए कोशिश करूं जीने की मैं, हर पल को जिऊं, हर क्षण को सजाऊं, रास्ते चाहे जैसे हों कठिन, हिम्मत से हर बाधा को हराऊं। ©aditi the writer

#कविता #love_shayari  White कोशिश क्यों न करूं जीने की,  
क्यों हार मान लूं मैं,  
अभी तो रास्ते बचे हैं बहुत,  
क्यों रुक जाऊं थक कर यहाँ?

हर एक चुनौती, हर एक कठिनाई,  
सिखाने आई है मुझको कुछ नया,  
जो गिर के उठना सीखा है मैंने,  
वो हार कहाँ जानता है भला?

तूफ़ान आएं, आंधियां चलें,  
मेरे हौसले न डिगने पाएंगे,  
कदम-कदम पर रुकावटें मिलें,  
फिर भी मेरे सपने सजते जाएंगे।

जीवन की राह है अनजान सही,  
पर हर मोड़ पर है एक आस नई,  
हर अंधेरे में छुपा है उजाला कहीं,  
मैं क्यों न चलूं, क्यों थमूं यहीं?

इसलिए कोशिश करूं जीने की मैं,  
हर पल को जिऊं, हर क्षण को सजाऊं,  
रास्ते चाहे जैसे हों कठिन,  
हिम्मत से हर बाधा को हराऊं।

©aditi the writer

#love_shayari @Niaz (Harf) @vineetapanchal आगाज़

15 Love

White हाय तेरी फुलझड़ी तुझे बुला रही है, साथ में तुझे सपने बड़े दिखा रही है। कहीं आंख न खुल जाए तुम्हारी, फेविकोल से बंद करना आंखे। कहीं सपना टूटने पर दिल न टूट जाए अदिति जैन ©aditi the writer

#शायरी #Funny  White हाय तेरी फुलझड़ी तुझे बुला रही है,
साथ में तुझे सपने बड़े दिखा रही है।
कहीं आंख न खुल जाए तुम्हारी,
फेविकोल से बंद करना आंखे।
कहीं सपना टूटने पर दिल न टूट जाए
अदिति जैन

©aditi the writer

#Funny आगाज़ OZL @Raj Sabri

16 Love

#विचार #RadheGovinda

#RadheGovinda भक्ति गीत गीत

144 View

#कविता #Couple  White प्रेम कैसे पढ़ू?

प्रेम कैसे पढ़ू मैं,
शब्दों की किताब में नहीं मिलता,
न कोई अर्थ, न कोई वाक्य,
ये तो धड़कनों में बसता है,
और सांसों में बहता है।

प्रेम कोई पन्ना नहीं,
जो उलट दूं और समझ जाऊं,
ये तो एक एहसास है,
जो बिना कहे सब कुछ कह जाता है।

आंखों की भाषा में लिखा,
और मुस्कानों में छिपा,
ये वो लिपि है,
जिसे दिल पढ़ता है,
मगर जुबां कह नहीं पाती।

हर स्पर्श में, हर आहट में,
प्रेम की कोई कहानी होती है,
न कोई किताब बताती इसे,
न कोई कलम लिख पाती इसे।

तो कैसे पढ़ू प्रेम मैं?
बस महसूस करूं,
दिल की गहराइयों में,
जहां शब्द खत्म होते हैं,
और एहसास शुरू।

प्रेम को पढ़ना नहीं,
जीना होता है,
हर धड़कन के साथ,
हर लम्हा, हर सांस में।

©aditi the writer

#Couple आगाज़ @Niaz (Harf) @it's_ficklymoonlight

90 View

White रंग-बिरंगी उम्मीदों का जाल, दिल में बुनती हर सवाल, कभी जीतने का जुनून चढ़ता, कभी हार में भी सुकून मिलता। ©aditi the writer

#शायरी #good_night  White 

रंग-बिरंगी उम्मीदों का जाल,
दिल में बुनती हर सवाल,
कभी जीतने का जुनून चढ़ता,
कभी हार में भी सुकून मिलता।

©aditi the writer

#good_night @Niaz (Harf) आगाज़ @shraddha.meera @it's_ficklymoonlight

20 Love

White दर्पण जो देखा एक दिन सच पता चल गया दर्पण जो देखा एक दिन, सच पता चल गया, चेहरे पर हँसी थी लेकिन, मन का रंग बदल गया। आँखों की चमक तो थी, पर आंसू भी छिपे थे, जो सोचा था सजीव था, वो तो बस सपने थे। चेहरे पर थे नक़ाब कई, हँसी थी अधूरी, आत्मा की पुकार थी, दिल में छिपी मजबूरी। जीवन की इस दौड़ में, खो दिया था ख़ुद को, भीड़ में ढूँढा ख़ुद को, पर कोई ना मिला था वो। सपनों के पीछे भागते, हकीकत भूल बैठे, दर्पण ने दिखा दिया, हम कहाँ से गुजर बैठे। असली ख़ुशी वो नहीं, जो बाहरी रूप में दिखती, ख़ुशी तो वही होती है, जो दिल की गहराई से उठती। अब जाना ये सच्चाई, जो दर्पण ने सिखाई, ख़ुद से प्यार करना है, यही तो है सफ़ाई। चेहरे के पीछे की रौनक, मन से ही आती है, दर्पण जो देखा एक दिन, सच्चाई समझ आती है। ©aditi the writer

#कविता #दर्पण  White दर्पण जो देखा एक दिन सच पता चल गया

दर्पण जो देखा एक दिन, सच पता चल गया,
चेहरे पर हँसी थी लेकिन, मन का रंग बदल गया।
आँखों की चमक तो थी, पर आंसू भी छिपे थे,
जो सोचा था सजीव था, वो तो बस सपने थे।

चेहरे पर थे नक़ाब कई, हँसी थी अधूरी,
आत्मा की पुकार थी, दिल में छिपी मजबूरी।
जीवन की इस दौड़ में, खो दिया था ख़ुद को,
भीड़ में ढूँढा ख़ुद को, पर कोई ना मिला था वो।

सपनों के पीछे भागते, हकीकत भूल बैठे,
दर्पण ने दिखा दिया, हम कहाँ से गुजर बैठे।
असली ख़ुशी वो नहीं, जो बाहरी रूप में दिखती,
ख़ुशी तो वही होती है, जो दिल की गहराई से उठती।

अब जाना ये सच्चाई, जो दर्पण ने सिखाई,
ख़ुद से प्यार करना है, यही तो है सफ़ाई।
चेहरे के पीछे की रौनक, मन से ही आती है,
दर्पण जो देखा एक दिन, सच्चाई समझ आती है।

©aditi the writer

White कोशिश क्यों न करूं जीने की, क्यों हार मान लूं मैं, अभी तो रास्ते बचे हैं बहुत, क्यों रुक जाऊं थक कर यहाँ? हर एक चुनौती, हर एक कठिनाई, सिखाने आई है मुझको कुछ नया, जो गिर के उठना सीखा है मैंने, वो हार कहाँ जानता है भला? तूफ़ान आएं, आंधियां चलें, मेरे हौसले न डिगने पाएंगे, कदम-कदम पर रुकावटें मिलें, फिर भी मेरे सपने सजते जाएंगे। जीवन की राह है अनजान सही, पर हर मोड़ पर है एक आस नई, हर अंधेरे में छुपा है उजाला कहीं, मैं क्यों न चलूं, क्यों थमूं यहीं? इसलिए कोशिश करूं जीने की मैं, हर पल को जिऊं, हर क्षण को सजाऊं, रास्ते चाहे जैसे हों कठिन, हिम्मत से हर बाधा को हराऊं। ©aditi the writer

#कविता #love_shayari  White कोशिश क्यों न करूं जीने की,  
क्यों हार मान लूं मैं,  
अभी तो रास्ते बचे हैं बहुत,  
क्यों रुक जाऊं थक कर यहाँ?

हर एक चुनौती, हर एक कठिनाई,  
सिखाने आई है मुझको कुछ नया,  
जो गिर के उठना सीखा है मैंने,  
वो हार कहाँ जानता है भला?

तूफ़ान आएं, आंधियां चलें,  
मेरे हौसले न डिगने पाएंगे,  
कदम-कदम पर रुकावटें मिलें,  
फिर भी मेरे सपने सजते जाएंगे।

जीवन की राह है अनजान सही,  
पर हर मोड़ पर है एक आस नई,  
हर अंधेरे में छुपा है उजाला कहीं,  
मैं क्यों न चलूं, क्यों थमूं यहीं?

इसलिए कोशिश करूं जीने की मैं,  
हर पल को जिऊं, हर क्षण को सजाऊं,  
रास्ते चाहे जैसे हों कठिन,  
हिम्मत से हर बाधा को हराऊं।

©aditi the writer

#love_shayari @Niaz (Harf) @vineetapanchal आगाज़

15 Love

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